By अभिनय आकाश | Jun 24, 2022
महाराष्ट्र की सत्ता और शिवसेना के नेतृत्व का सवाव गंभीर हो गया है। एकनाथ शिंदे ने 42 विधायकों के साथ एक वीडियो जारी कर अपना शक्ति प्रदर्शन भी किया। एकनाथ शिंदे को अपने समूह का नेता घोषित करते हुए, शिवसेना के विद्रोहियों ने गुरुवार को समर्थन का वादा किया और उन्हें अपनी ओर से कोई भी निर्णय लेने के लिए पूर्ण शक्तियाँ प्रदान की गई है। गुवाहाटी के एक पांच सितारा होटल में आयोजित एक बैठक में, शिंदे ने उद्धव ठाकरे के शिवसेना के गुट के खिलाफ राजनीतिक एकता का संदेश देने के लिए विद्रोहियों को संबोधित किया। शिंदे खेमे के एक सूत्र ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हर कदम विचार विमर्श के बाद उठाया जा रहा है। हम प्रत्येक निर्णय के बारे में जानते हैं।" एक वरिष्ठ बागी नेता ने कहा, "शिंदे ने हम सभी को आश्वस्त किया है कि हम असली सेना बनने जा रहे हैं।
शिंदे ने विधायकों को संबोधित करते हुए बिना किसी पार्टी का नाम लिए इस बात पर जोर दिया कि एक अखिल भारतीय पार्टी और उसके नेता, जिन्होंने पाकिस्तान से सीधा मुकाबला किया है, इस मुद्दे पर एकजुटता व्यक्त की है। एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम अच्छे और बुरे समय में एक दूसरे के साथ हैं। ये पार्टी हमारी है चाहे कुछ भी हो जाए, जीत हमारी है। एक राष्ट्रीय पार्टी जो एक सुपर पावर भी है, उसने पाकिस्तान में ये साबित करके दिखाया भी है। वैसे तो शिंदे खेमे ने दलबदल विरोधी नियमों को दरकिनार करने के लिए आवश्यक संख्या में विधायकों को जुटा लिया है, हालांकि, उन्हें "असली" शिवसेना बनने के रास्ते में कानूनी बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। राज्य सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दलबदल विरोधी कानून के तहत अलग समूह बनाने के लिए दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होती है। व्यक्तिगत नेता को राज्य विधानसभा में डिप्टी स्पीकर के सामने अपनी ताकत साबित करनी होगी।
शिंदे को महाराष्ट्र विधानसभा में एक अलग समूह बनने के लिए कम से कम 37 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी। साथ ही अलग पार्टी बनाने की प्रक्रिया के लिए मुख्य चुनाव आयोग के समक्ष एक आवेदन दाखिल करना होगा। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ही किसी पार्टी को चुनाव चिह्न आवंटित किया जाएगा। हालांकि, अंदरूनी सूत्रों ने आगाह किया कि अगर शिंदे मूल शिवसेना और उसके धनुष और तीर के प्रतीक पर दावा करते हैं, तो इसके लिए पूरी प्रक्रिया होती है। नियम होते हैं, जिसके तहत चुनाव चिन्ह पर फैसला लिया जाता है।
ठाकरे खेमे ने शिंदे को पहले ही शिवसेना विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया है। महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने भी अजय चौधरी को शिंदे की जगह सदन में शिवसेना समूह के नेता के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है। शिंदे ने ज़िरवाल को लिखे एक पत्र में उनके निष्कासन का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि पद से उनका निष्कासन अमान्य था, क्योंकि जिस बैठक में चौधरी को नियुक्त किया गया था, उसमें केवल 15 से 16 सदस्यों ने भाग लिया था। शिंदे ने यह भी लिखा कि वह सुनील प्रभु को भरत गोगावले की जगह शिवसेना विधायक दल का मुख्य सचेतक नियुक्त कर रहे हैं। हालांकि, विधान भवन के एक अधिकारी ने कहा, 'हमें शिंदे की ओर से ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है। भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'तकनीकी गड़बड़ी की आशंका है। नतीजतन, अगली कार्रवाई में कुछ समय लगेगा।