By एकता | Nov 10, 2024
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी का घोषणापत्र जारी किया। इस दौरान उन्होंने विश्वास जताया कि महायुति पूर्ण बहुमत से सत्ता में लौटेगा। शाह ने बताया कि गठबंधन के सत्ता में आने के बाद ही मुख्यमंत्री पद पर फैसला लिया जायेगा। बता दें, महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव होने वाले हैं, जिनके नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे।
घोषणापत्र जारी करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में शाह ने कहा, 'अभी एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं। चुनाव के बाद गठबंधन के तीनों साझेदार मुख्यमंत्री पद पर फैसला लेंगे।'
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि शिवसेना और राकांपा दो धड़ों में इसलिए बंटी क्योंकि उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के बजाय अपने बेटे को तरजीह दी और शरद पवार ने अजित पवार के बजाय अपनी बेटी को तरजीह दी। उन्होंने कहा, 'ये दल अपने परिवार के सदस्यों को प्राथमिकता देते हैं और पार्टी बंट जाती है। वे बिना किसी बात के भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हैं।' नेता ने कहा कि भाजपा परिवार आधारित राजनीति के खिलाफ है। शाह ने कांग्रेस के इन आरोपों को भी खारिज किया कि भाजपा आरक्षण को कमजोर करना चाहती है।
गृह मंत्री ने कहा, 'मोदी सरकार ने ही ओबीसी को आरक्षण दिया। बल्कि हमने आरक्षण मजबूत किया।' उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संविधान की प्रति लहराने की सच्चाई का पर्दाफाश हो गया है क्योंकि उसमें खाली पृष्ठ हैं। भाजपा नेता ने कहा, 'वह (गांधी) अब मजाक का पात्र बन गए हैं।'
शाह ने कहा कि विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) नेतृत्व महिलाओं के लिए महायुति सरकार की लाडकी बहिन योजना को निशाना बनाता रहा है लेकिन उसने अधिक वित्तीय सहायता देने का ऐसा ही आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, 'यह उनका विरोधाभास दिखाता है। हमारे प्रदर्शन की समीक्षा करने के बजाय राहुल गांधी को यह देखना चाहिए कि उनकी पार्टी द्वारा शासित राज्यों में क्या हो रहा है।'
शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस की जाति की राजनीति का उद्देश्य देश को विभाजित करना है। गृह मंत्री ने निवेश के मामले में महाराष्ट्र के पिछड़ने के एमवीए के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा, 'एमवीए के शासन के दौरान महाराष्ट्र प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मामले में चौथे स्थान पर था जबकि पिछले दो साल में राज्य को सबसे ज्यादा एफडीआई मिला।'