UP Women Commission Proposal | दर्जियों के नाप न लेने से क्या कम हो जाएंगे औरतों के साथ होने वाले अपराध? कितना सही, कितना गलत है यूपी महिला आयोग का प्रस्ताव?

By रेनू तिवारी | Nov 08, 2024

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए उपाय प्रस्तावित किए हैं। महिलाओं को "बुरे स्पर्श" से बचाने की पहल करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने प्रस्ताव दिया है कि पुरुषों को न तो महिलाओं के लिए कपड़े सिलने चाहिए और न ही महिलाओं के बाल काटने चाहिए। 28 अक्टूबर को हुई बैठक के बाद पुरुषों को महिलाओं का नाप लेने से रोकने और सीसीटीवी कैमरे लगाने सहित कई अन्य सुझाव सामने रखे गए। महिला आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल ने शुक्रवार को पीटीआई को बताया, "28 अक्टूबर को महिला आयोग की बैठक में एक प्रस्ताव रखा गया कि केवल महिला दर्जी ही महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों का नाप लें और इन क्षेत्रों में सीसीटीवी लगाए जाने चाहिए।"


हिलाओं के कपड़ों के नाप लेने का काम सिर्फ महिला दर्जी ही करेंगी

उत्तर प्रदेश महिला आयोग के एक हालिया प्रस्ताव पर यदि अमल हुआ तो सिलाई के लिये महिलाओं के कपड़ों के नाप लेने का काम सिर्फ महिला दर्जी ही करेंगी तथा महिलाओं के तमाम जिम और योग केन्द्रों में महिला प्रशिक्षकों की तैनाती अनिवार्य होगी। आयोग की 28 अक्टूबर को यहां हुई एक बैठक में महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों के संरक्षण से जुड़े कई निर्णय लिये गये। उन्हीं निर्णयों में उपरोक्त प्रस्ताव भी शामिल हैं। आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल ने शुक्रवार को पीटीआई- को बताया कि 28 अक्टूबर को हुई आयोग की बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया है कि महिलाओं के कपड़ों का नाप सिर्फ महिला दर्जी ही लें और जिस जगह नाप लिया जा रहा हो वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।


 नाप लेने के दौरान महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की जाती है

उन्होंने बताया कि यह प्रस्ताव महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने रखा था जिसका बैठक में मौजूद सदस्यों ने समर्थन किया। यह पूछे जाने पर कि महिला आयोग ने ऐसा प्रस्ताव क्यों रखा, हिमानी ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि इस तरह के पेशे में पुरुष भी शामिल हैं और नाप लेने के दौरान महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की जाती है। वे (पुरुष) गलत तरीके से छूने की कोशिश करते हैं। कुछ पुरुषों की मंशा भी अच्छी नहीं होती। हालांकि ऐसा नहीं है कि सभी पुरुषों की मंशा खराब होती है। इसलिए महिलाओं को ही महिलाओं का नाप लेना चाहिए। 

 

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क्या इस तरह का प्रस्ताव संकीर्ण सोच को नहीं दर्शाता है?

उन्होंने कहा, ‘‘अभी यह प्रस्ताव है और हमने कहा है कि ऐसा होना चाहिए। इसके बाद हम राज्य सरकार से इस संबंध में कानून बनाने का अनुरोध करेंगे।’’ हिमानी ने यह भी कहा कि इस अवसर पर 25 सदस्यों में से लगभग सभी मौजूद थे। उन्होंने कहा, ‘‘व्यक्तिगत रूप से मैं इस प्रस्ताव के पक्ष में हूं।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या इस तरह का प्रस्ताव संकीर्ण सोच को नहीं दर्शाता है, महिला आयोग की सदस्य ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है।’’ बैठक में आए एक अन्य प्रस्ताव का हवाला देते हुए हिमानी ने कहा, ‘‘हमने यह भी कहा है कि सैलून में महिला ग्राहकों की देखभाल महिला नाई को ही करनी चाहिए।’’ 


जिम और योग केन्द्रों में महिला प्रशिक्षक होनी चाहिये?

इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया है कि महिला जिम और योग केन्द्रों में महिला प्रशिक्षक होनी चाहिये। उनका सत्यापन भी कराया जाए। साथ ही केन्द्रों में डीवीआर सहित सीसीटीवी कैमरे का चलती हालत में होना अनिवार्य किया जाए। सूत्रों के मुताबिक बैठक में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया है कि स्कूल बसों में महिला सुरक्षाकर्मी या शिक्षिका का होना अनिवार्य किया जाए। साथ ही नाट्य कला केन्द्रों में महिला नृत्य शिक्षिका की तैनाती की जाए और वहां सक्रिय दशा में सीसीटीवी कैमरों का होना अनिवार्य हो। सूत्रों के अनुसार बैठक में कोचिंग सेन्टरों पर सक्रिय सीसीटीवी कैमरों एवं शौचालय की व्यवस्था और महिलाओं से सम्बन्धित वस्त्रों की दुकानों पर महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया है। सूत्रों के मुताबिक बैठक में सभी जिलाधिकारियों को अर्द्धशासकीय पत्र भेजते हुये आयोग द्वारा लिये गये निर्णयों का अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये गये हैं।

 

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महिला आयोग द्वारा सुझाए गए प्रस्तावों की सूची देखें

महिला जिम/योग केंद्र में महिला प्रशिक्षक होनी चाहिए। जिम का सत्यापन अवश्य होना चाहिए।


महिला जिम/योग केंद्र में प्रवेश के समय अभ्यर्थी को अपना पहचान पत्र, जैसे आधार कार्ड या निर्वाचन कार्ड, सत्यापित करवाना चाहिए तथा उसकी फोटोकॉपी सुरक्षित रखनी चाहिए।


महिला जिम/योग केंद्र में सीसीटीवी चालू हालत में तथा डीवीआर होना अनिवार्य है।


स्कूल बस में महिला सुरक्षा गार्ड या महिला शिक्षिका होना अनिवार्य है।


नाटक कला केंद्रों में महिला नृत्य शिक्षिका तथा सीसीटीवी चालू हालत में तथा डीवीआर होना अनिवार्य है।


बुटीक केंद्रों में कपड़ों का माप लेने के लिए महिला दर्जी तथा चालू सीसीटीवी होना अनिवार्य है।


कोचिंग केंद्रों में चालू सीसीटीवी, वॉशरूम आदि होना अनिवार्य है।


महिलाओं से संबंधित कपड़े आदि बेचने वाली दुकानों में महिला कर्मचारी होना अनिवार्य है।


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