By अनुराग गुप्ता | Sep 01, 2022
गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। भूपिंदर सिंह हुड्डा और आनंद शर्मा ने मंगलवा को गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की थी। जिसको लेकर हरियाणा के कांग्रेस नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है और आलाकमान से इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। आपको बता दें कि कुमारी शैलजा को भूपिंदर सिंह हुड्डा का प्रतिद्वंद्वी माना जाता है, ऐसे में उन्होंने वरिष्ठ नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
कांग्रेस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कुमारी शैलजा ने पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल से भूपिंदर सिंह हुड्डा की शिकायत की है और उनके खिलाफ एक्शन लेने के लिए कहा है। दरअसल, गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर सवाल खड़े करते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। ऐसे वक्त में भूपिंदर सिंह हुड्डा का गुलाम नबी आजाद से मिलना कुमारी शैलजा को नागवार गुजरा। हालांकि कांग्रेस कार्यसमिति की रविवार को हुई बैठक की पूर्व संध्या को आनंद शर्मा ने गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की थी। इसके बाद सीडब्ल्यसी की बैठक में आनंद शर्मा के सख्त तेवर देखने को मिले थे।
जी-23 नेताओं से परेशान है कांग्रेस
सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने जमकर अपने तेवर दिखाए थे। बैठक में आनंद शर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि निचले स्तर पर पदाधिकारियों के लिए चुनाव नहीं होते हैं। उन्होंने पार्टी संविधान का जिक्र भी किया था। जिसके आर्टिकल 8 से 13 में कहा गया है कि कांग्रेस की सभी प्राइमरी कमेटियों, बूथ, ब्लॉक और जिला कमेटियों में चुनाव होना चाहिए। ऐसे में आनंद शर्मा ने अंतरिम अध्यक्षा से इस मामले में दखल देने की मांग की थी।
मतदाता सूची हों सार्वजनिक
कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव को लेकर मतदाता सूची सार्वजनिक करने की पार्टी सांसद मनीष तिवारी ने मांग की। ऐसे में मनीष तिवारी को तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर का समर्थन भी मिला। मनीष तिवारी ने कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री से पूछा कि अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने के इच्छुक व्यक्ति को मतदाता सूची हासिल करने के लिए प्रदेश पार्टी कार्यालय क्यों जाना चाहिए ? स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सार्वजनिक रूप से उपलब्ध निर्वाचक मंडल के बिना कैसे संभव है ? स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रक्रिया का सार है कि मतदाताओं के नाम और पते कांग्रेस की वेबसाइट पर पारदर्शी तरीके से प्रकाशित किया जाए।
जबकि मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव से जुड़ी पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और कांग्रेस के संविधान के मुताबिक है तथा निर्वाचक मंडल की सूची को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, लेकिन उम्मीदवारों को यह उपलब्ध करा दी जाएगी।
तिवारी को मिला थरूर का साथ
कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के संकेत दे चुके शशि थरूर ने मनीष तिवारी की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में पारदर्शिता महत्वपूर्ण है और मनीष तिवारी की मांग सैद्धांतिक तौर पर सही है। सबको यह पता होना चाहिए कि कौन अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में नामांकन कर सकता है और कौन मतदान...
आपको बता दें कि मनीष तिवारी कांग्रेस के जी-23 समूह का हिस्सा रहे हैं। जिसके प्रमुख नेता गुलाम नबी आजाद थे और इस समूह में भूपिंदर सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी जैसे नेता शामिल थे।