By नीरज कुमार दुबे | Feb 10, 2024
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ता हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि रूस से लड़ रहा यूक्रेन अब आपसी संघर्ष में ही उलझ गया है क्योंकि शीर्ष सैन्य अधिकारियों पर राष्ट्रपति जेलेंस्की ने तमाम तरह के आरोप लगा कर उन्हें हटा दिया गया है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह सही बात है कि यूक्रेन की सेना इस समय रूस से उलझने की बजाय आपस में ही उलझी हुई है और जिस तरह के आरोप यूक्रेन के सैन्य अफसरों पर लगे हैं उससे निचले स्तर तक जवानों में निराशा फैली है। उन्होंने कहा कि खासकर युद्ध के समय यदि किसी सेना के जवान निराश हो जायें तो यह उस देश के लिए ठीक नहीं है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ने देश के सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ वलेरी ज़ालुज़नी को बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रपति और जनरल ज़ालुज़नी के बीच दरार को प्रदर्शित करता है, जिन्होंने संघर्ष शुरू होने के बाद से यूक्रेन के युद्ध प्रयासों का नेतृत्व किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने अब जनरल ऑलेक्ज़ेंडर सिरस्की को कमान सौंपी है लेकिन युद्ध के बीच में सैन्य कमांडर बदलना सैन्य रणनीति के लिहाज से सही कदम नहीं है। उन्होंने कहा कि फरवरी 2022 में रूस के आक्रमण के बाद से यह यूक्रेन के सैन्य नेतृत्व में सबसे बड़ा बदलाव है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा है कि सैन्य कमान में नवीनता लाने के लिए ऐसा किया गया है। उन्होंने कहा कि जनरल ज़ालुज़नी "टीम में बने रह सकते हैं"। उन्होंने कहा कि देखा जाये तो जनरल ज़ालुज़नी एक लोकप्रिय जनरल हैं जिस पर यूक्रेनी सैनिक और जनता भरोसा करते हैं और कुछ हद तक वह एक राष्ट्रीय नायक रहे हैं। उन्होंने कहा कि यही नहीं, जनरल ज़ालुज़नी की हालिया अनुमोदन रेटिंग ज़ेलेंस्की की तुलना में अधिक रही है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि जेलेंस्की को जनरल ज़ालुज़नी की लोकप्रियता देखकर अपनी कुर्सी को खतरा महसूस हो रहा हो इसलिए उन्होंने उन्हें पद से हटा दिया। उन्होंने कहा कि लेकिन यूक्रेन की जनता और जवानों की जो भावना नजर आ रही है वह जेलेंस्की को भारी पड़ सकती है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यूक्रेन के विपक्षी सांसदों ने भी इस बदलाव की आलोचना की है। कीव के मेयर विटाली क्लिट्स्को ने इस निर्णय पर अप्रसन्नता जताते हुए यूक्रेन की सेवा के लिए जनरल ज़ालुज़नी को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको के नेतृत्व वाली विपक्षी पार्टी के सांसद ओलेक्सी होन्चारेंको ने कहा है कि यह कदम राष्ट्रपति द्वारा की गयी एक बड़ी गलती थी। उन्होंने कहा कि इससे देश को खतरा होगा और हम सभी को इस गलती की कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि एक अन्य विपक्षी सांसद वैलेन्टिन नैलिवाइचेंको ने कहा है कि युद्ध के दौरान सैन्य नेतृत्व का हमें समर्थन करना चाहिए, आलोचना नहीं करनी चाहिए, बल्कि हर संभव तरीके से मदद करनी चाहिए लेकिन खुद सरकार ने ऐसा नहीं किया।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यूक्रेन के नए सेना प्रमुख जनरल सिरस्की के पास रक्षात्मक और आक्रामक युद्ध दोनों का अनुभव है। उन्होंने 2022 में रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण की शुरुआत में यूक्रेन की राजधानी कीव की रक्षा का नेतृत्व किया था। इसके बाद उन्होंने गर्मियों में खार्किव में यूक्रेन के आश्चर्यजनक और सफल जवाबी हमले की योजना बनाई और तब से पूर्वी यूक्रेन में सैन्य अभियानों के प्रमुख के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सब देख कर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खुश हो रहे हैं। उन्हें दिख रहा है कि एक ओर तो यूक्रेन को अब उतनी विदेशी मदद नहीं मिल पा रही है तथा दूसरी तरफ अब वह आपस में ही उलझ रहा है जिससे रूस के लिए जीत अब ज्यादा दूर नहीं रह गयी है।