By अभिनय आकाश | Dec 26, 2024
भारतवंशी लेखक सलमान रुश्दी की किताब 'द सेटेनिक वर्सेज' बैन किए जाने के करीब 36 साल बाद भारत वापस आ गई है। तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने इसे बैन किया था। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में इसका सीमित स्टॉक बिक रहा है। इस सलमान रुश्दी किताब के कंटेंट को दुनियाभर के मुस्लिम संगठनों ने ईशनिदा वाला माना था। तब ईरान के सर्वोच्च नेता ने सक्दी के खिलाफ हत्या का फतवा जारी किया था। यह किताब अपने विमोचन के बाद से ही वैश्विक विवाद के केंद्र में रही है, जिसने अभिव्यक्ति की आजादी, आस्था और कला पर बहस छेड़ दी थी।
बहरीसंस बुकसेलर्स की मालिक रजनी मल्होत्रा ने मीडिया को बताया हमें किताब मिले कुछ दिन हो गए हैं और अब तक प्रतिक्रिया बहुत अच्छी रही है। बिक्री अच्छी रही है। 1,999 रुपये की कीमत वाली यह किताब केवल दिल्ली-एनसीआर में बहरीसंस बुकसेलर्स स्टोर्स पर उपलब्ध है। सलमान रुश्दी की द सैटेनिक वर्सेज अब बहरीसंस बुकसेलर्स के स्टॉक में है! इस अभूतपूर्व और उत्तेजक उपन्यास ने अपनी कल्पनाशील कहानी और साहसिक विषयों से दशकों से पाठकों को मोहित किया है। पुस्तक विक्रेता ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अपनी रिलीज के बाद से यह तीव्र वैश्विक विवाद के केंद्र में भी रहा है, जिससे स्वतंत्र अभिव्यक्ति, आस्था और कला पर बहस छिड़ गई है।
पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया की प्रधान संपादक मानसी सुब्रमण्यम ने भी रुश्दी के हवाले से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया। भाषा साहस है: किसी विचार को समझने, उसे बोलने और ऐसा करके उसे सच करने की क्षमता। उन्होंने लिखा कि सलमान रुश्दी की द सैटेनिक वर्सेज को 36 साल के प्रतिबंध के बाद भारत में बेचने की अनुमति दी गई है। यहां यह नई दिल्ली में बहरिसंस बुकस्टोर पर है।