Ramadan 2025: रमज़ान में जुमा-उल-विदा इतना महत्वपूर्ण क्यों है? क्या है इसका महत्व

By दिव्यांशी भदौरिया | Mar 16, 2025

रमज़ान का पवित्र महीना चल रहा है। इस्लाम के लोग इस महीने में प्रार्थना, ध्यान करते हैं और उत्सव मनाते हैं। इस दौरान मुसलमान रमज़ान के लिए रोजे रखना शुरु करते हैं। जैसे-जैसे रमजान का पवित्र महीना समाप्त होने को आता है, दुनिया भर के मुसलमान एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं, वो है रमजान का आखिरी शुक्रवार, जिसे जुमातुल-विदा या अलविदा जुम्मा के नाम से जाना जाता है। यह दिन मुस्लिम लोगों के लिए विशेष होता है, जो लोग रोजे, प्रार्थना और धार्मिक भक्ति से भरे एक महीने के बाद एक मधुर विदाई के रुप में कार्य करता है।


कब है जुमातुल विदा 2025


जुमातुल विदा, जिसे अलविदा जुम्मा के नाम से भी जाना जाता है, रमजान के पवित्र महीने का आखिरी शुक्रवार है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, यह महत्वपूर्ण दिन 2025 के रमजान में शुक्रवार, 28 मार्च को पड़ने की उम्मीद है।


जुमा-उल-विदा इतना महत्वपूर्ण क्यों है?


रमज़ान के आखिरी शुक्रवार को इस पवित्र महीने के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक सुनहरा अवसर माना जाता है। यह बिल्कुल बी मैराथन में अंतिम दौड़ की तरह है, जहां आस्तिक इबादत और अच्छे कामों में अपना सब कुछ झोंक देते हैं। कई मुसलमानों का मानना ​​है कि इस दिन की गई प्रार्थना और दुआएं अल्लाह द्वारा स्वीकार किए जाने की अधिक संभावना होती है।


जुमा-उल-विदा के कई महत्वपूर्ण उद्देश्य है


- यह धार्मिक विकास के लिए एक अंतिम प्रयास है तथा रमजान के अद्वितीय धार्मिक माहौल का लाभ उठाने का अंतिम अवसर है।


- रमज़ान में जो आदतें बनाई हैं, उन्हों आदतों को जीवनभर फॉलो करने का यह श्रेष्ठ अवसर होता है।


- जुमा-उल-विदा के दिन मुसलमानों में सामुदायिक प्रेम और एकता की भावना बढ़ती है।


जुमा-उल-विदा को क्या होता है?


इबादत में इजाफा होता है


शुक्रवार की नमाज़ के लिए जब मुसलमान इकट्ठा होते हैं तो मस्जिदें आम तौर पर भरी होती हैं। कई लोग जगह सुरक्षित करने और अतिरिक्त स्वैच्छिक प्रार्थनाओं में शामिल होने के लिए जल्दी पहुंच जाते हैं।


उपदेश दिए जाते हैं


जुमा-उल-विदा के दिन इमाम अक्सर लंबे, अधिक मार्मिक उपदेश देते हैं, जो पूरे वर्ष रमज़ान की भावना को बनाए रखने पर केंद्रित होते हैं।


कुरान का पाठ करना


इस दिन कुरान का पाठ करने पर जोर दिया जाता है, इस दौरान कई मुसलमान रमज़ान में कुरान पाठ करने के लिए लक्ष्य रखते हैं।


दान और अच्छे काम करना


जुमा-उल-विदा के दिन दान-पुण्य के कार्य किए जाते है। इस दिन मुसलमान धन-दान, भोजन वितरित और अन्य कार्य करते हैं। 


क्षमा मांगते हैं


कई लोग ईमानदारी से पश्चाताप करने के लिए समय समर्पित करते हैं और अल्लाह से पिछले पापों और कमियों के लिए क्षमा मांगते हैं।


रात्रि का प्रार्थना


जुमा-उल-विदा के दौरान कुछ मस्जिदों में रात की प्रार्थना अधिक समय तक चलती है, तथा कई नमाजी इबादत के लिए देर रात तक रुकते हैं।

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