Lok Sabha Elections: पूर्वांचल में बाहर से मजबूत दिख रही भाजपा अंदर से क्यों सहमी हुई है

By अजय कुमार | Apr 03, 2024

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दो चरण के मतदान में अब एक-डेढ़ पखवाड़े का समय बचा है। 19 और 26 अप्रैल को कुल 16 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। वैसे तो यहां बीजेपी की स्थिति ठीकठाक लग रही है, लेकिन यहा उसके सामने चुनौती भी कम नहीं है। बीजेपी प्रत्याशियों को एक तरफ विपक्ष का सामना करना है तो दूसरी ओर बीजेपी के कुछ नेता भी कहीं चोरी-छिपे तो कहीं खुले रूप में बगावत के तेवर अपनाये हुए हैं। इसी लिये कहा जा रहा है कि प्रथम चरण के लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण तो है ही, लेकिन इस चरण में कुछ सीटों पर पार्टी को अपनों से भी चुनौती मिल रही है। आगे के चरणों वाली सीटों पर भी खींचतान मची हुई है। पार्टी को इन सीटों पर अंतर्विरोधों से पार पाना होगा। वर्ना इसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ सकता है। कोई भी सीट बागियों से अछूती नहीं रह गई है। विभिन्न लोकसभा चुनाव सीटों पर अंदुरूनी खींचतान पर सिलसिलेवार नजर डाली जाये तो केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान के काफिले पर मुजफ्फरनगर के खतौली क्षेत्र के मढ़करीमपुर गांव में बीते दिनों हुए पथराव ने पार्टी की अंतर्कलह को उजागर कर दिया है। पार्टी के कुछ इलाकाई नेता अंदरखाने बालियान का विरोध कर रहे हैं। खुद भाजपा के भीतर चर्चा है कि यह हमला पार्टी के ही असरदार नेताओं की शह पर हुआ था। बालियान मुजफ्फरनगर सीट से लगातार तीसरी बार लोकसभा जाने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। उन्हें यह कहने के लिए मजबूर होना पड़ा कि यह घटना उनके विरुद्ध साजिश है।


उधर, इस बार गाजियाबाद सीट पर केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह मैदान में नहीं हैं। वह लगातार दो बार यहां से सांसद चुने गए, लेकिन पार्टी ने इस बार उन्हें चुनाव न लड़ाने का फैसला किया है। उनकी जगह भाजपा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे गाजियाबाद के विधायक और पूर्व राज्य मंत्री अतुल गर्ग को भी बीते दिनों पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा है। क्षेत्र में चर्चा है कि जनरल वीके सिंह का टिकट कटने से ठाकुर बिरादरी के लोग नाराज हैं। बीते दिनों हापुड़ के धौलाना क्षेत्र के छिजारसी टोल के पास पहुंचे गर्ग के साथ कार्यकर्ताओं ने धक्कामुक्की की। उनके साथ मौजूद भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा को भी कार्यकर्ताओं का कोपभाजन बनना पड़ा था। भाजपा इस द्वंद्व को समझ रही है। यही वजह है कि अतुल गर्ग का नामांकन कराने के लिए पार्टी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को आगे किया था। ठाकुर बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले राजनाथ वर्ष 2009 में गाजियाबाद से सांसद रह चुके हैं। राजनाथ न सिर्फ इस मौके पर मौजूद रहेंगे बल्कि नामांकन सभा को संबोधित कर इलाके में ठाकुर बिरादरी को सियासी संदेश भी देंगे।

इसे भी पढ़ें: कन्नौज से चुनाव लड़ने के 'अंतरद्वंद्व' में फंसे नजर आ रहे हैं अखिलेश यादव

पीलीभीत भी बीजेपी के लिये एक चुनौती बनी हुई है। यहां के मौजूदा सांसद वरुण गांधी का टिकट कटने की चर्चा शुरू हुई तो स्थानीय नेताओं की हसरतें हिलोरें लेने लगीं। पिछले साल निकाय चुनाव से पहले सपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए पूर्व राज्यमंत्री हेमराज वर्मा भी भाजपा के टिकट के दावेदारों में थे, लेकिन टिकट मिला योगी सरकार के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद को। इससे वर्मा और उनके समर्थको में नाराजगी थी। वर्मा के भाई ने तो उनके लिए नामांकन पत्र भी खरीद लिए थे, लेकिन जितिन प्रसाद का नामांकन कराने के लिए पीलीभीत पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने वर्मा को नामांकन न करने के लिए मना लिया,लेकिन उनकी नाराजगी कम नहीं हुई है। अंदरखाने चर्चा है कि वह चुनाव प्रचार में पूरे मन से नहीं दिखाई देंगे। जाहिर तौर पर तो भाजपा संगठन एकजुटता का परिचय दे रहा है लेकिन अंदरखाने मनमुटाव की भी चर्चा है। भाजपा नेतृत्व को भी इसका कहीं न कहीं भान है। इसलिए पार्टी ने अपने दिग्गज नेताओं को पीलीभीत के मोर्चे पर लगाया है।


फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में चुनाव होना है। यहां भी टकराव की स्थिति पैदा हो रही है। फतेहपुर सीकरी के भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल और उनके पुत्र चौधरी रामेश्वर ने किरावली के रघुनाथ महाविद्यालय में आयोजित होली मिलन समारोह में घोषणा कर दी है कि यदि नामांकन से पहले पार्टी ने अपने स्थानीय सांसद राजकुमार चाहर का टिकट काटकर किसी और को नहीं दिया तो चौधरी रामेश्वर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन करेंगे। 

प्रमुख खबरें

मैं इस्तीफा दे दूं...अमित शाह ने LIVE आते ही पलट दिया खेल! राज्यसभा में दिए गए बयान का Unedited Video यहां देखें

Monkeypox: केरल में मंकीपॉक्स के मामले फिर आए सामने, UAE से लौटे दो व्यक्ति संक्रमित

बीजद कार्यकर्ता भाजपा की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाएं : Naveen Patnaik

आंबेडकर मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने के लिए Stalin ने मोदी एवं भाजपा पर हमला किया