By नीरज कुमार दुबे | Jan 04, 2023
नमस्कार, प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम जन गण मन में आप सभी का स्वागत है। आज हम बात करेंगे भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून की बढ़ती आवश्यकता की। पिछले साल दुनिया की कुल आबादी 8 अरब से भी ज्यादा हो गई। देखा जाये तो पिछले 50 साल में दुनिया की जनसंख्या सर्वाधिक तेजी से बढ़ी है। जनसंख्या के मामले में एक समय चीन सबसे आगे था लेकिन भारत अब उसे पीछे छोड़ने वाला है। भारत में बढ़ती आबादी से संसाधनों पर बोझ बढ़ता जा रहा है। भारत में बढ़ती आबादी की उम्मीदें पूरी करने में सरकारों के पसीने छूट रहे हैं। नौकरी एक निकलती है लाखों आवेदन आ जाते हैं, अस्पताल में बेड दस हैं बीमार दस हजार आ जाते हैं, हर जगह सिर्फ लाइन ही लाइन नजर आती है। भारत में जनसंख्या को नियंत्रित करना बेहद जरूरी हो चला है लेकिन सरकार का रवैया जिस तरह का ढुलमुल नजर आ रहा है उसको देखते हुए लगता नहीं कि यह कानून जल्द बनाया जा सकता है।
इस मुद्दे पर प्रभासाक्षी ने वरिष्ठ अधिवक्ता और भारत के पीआईएल मैन के रूप में विख्यात अश्विनी उपाध्याय से बात की। उन्होंने कहा कि दुनिया की बढ़ती आबादी कई देशों के लिए तो खतरनाक सिद्ध हो ही रही है, वह भारत के लिए भी गंभीर चिंता का विषय है। अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि यदि आपके देश की या परिवार की आबादी बढ़ती चली जाए और उसके साथ-साथ गरीबी और असमानता भी बढ़ती चली जाए तो वह समाज के लिए बोझ बन जाती है।
उन्होंने कहा कि जनसंख्या के खतरे से निपटने के लिए भारत सरकार को कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की आवश्यकता है और यदि कोई इस कानून को तोड़े तो उसे जेल में डालने की भी व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दो से ज्यादा बच्चे वालों को चुनाव लड़ने पर रोक लगाने या इस तरह के प्रावधान लगाने से कोई लाभ नहीं होगा क्योंकि इस देश की पूरी जनता को तो चुनाव लड़ना नहीं है। उन्होंने कहा कि आबादी पर नियंत्रण होने से बहुत-सी समस्याओं का स्वतः समाधान हो जायेगा।