2025 में INDIA Bloc का बढ़ेगा कद या NDA का दिखेगा दम, दिल्ली और बिहार पर रहेगी सबकी नजर

By अंकित सिंह | Jan 01, 2025

राजनीतिक दंगलों वाला 2024 खत्म हो चुका है। राजनीतिक दलों के लिए 2024 में जहां कुछ खुशियां और कुछ गम रहे। वहीं 2025 की चुनौतियां अब शुरू होती दिखाई दे रही है। 2025 राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद ही महत्वपूर्ण है। 2025 में इंडिया गठबंधन और एनडीए गठबंधन की कड़ी परीक्षा होती हुई दिखाई देगी। सभी की निगाहें हाल ही में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव पर रहेंगे। साथ ही साथ साल के आखिर में बिहार में भी विधानसभा के चुनाव होंगे जो राजनीतिक लिहाज से बेहद ही महत्वपूर्ण है। 2015 में जब देश में प्रचंड मोदी लहर थी, उसके बावजूद भी बीजेपी को इन दोनों ही राज्यों में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था।

 

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यह वही दोनों राज्य हैं जिसने समय समय पर विपक्ष को बड़ी संजीवनी दी है। हालांकि, यह बात भी सही है कि नीतीश कुमार की पलटीमार राजनीति सरकार और विपक्ष का समीकरण बदलते रहता है। दिल्ली और बिहार को लेकर भाजपा रणनीतियों को परिष्कृत करने के लिए राज्य के नेताओं के साथ कार्यशालाएं आयोजित कर रही है। इस बीच, कांग्रेस 2025 में अपने संगठन को फिर से मजबूत करने का इरादा रखती है, जिसका लक्ष्य अपनी पैठ मजबूत करना है। दोनों प्रमुख पार्टियां महत्वपूर्ण राज्यों में जीत हासिल करने के लिए संसाधन जुटाने और अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। आम आदमी पार्टी (AAP), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) जैसी अन्य पार्टियाँ वर्ष 2025 के दौरान राजनीतिक स्पेक्ट्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।

 

दिल्ली चुनाव

फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025, 70 निर्वाचन क्षेत्रों के भाग्य का फैसला करेंगे। 2020 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी (आप) का नेतृत्व अब मुख्यमंत्री आतिशी कर रही हैं। जहां आप का लक्ष्य सत्ता बरकरार रखना है, वहीं विपक्षी दल भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस उसके एक दशक पुराने प्रभुत्व को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों ने AAP पर शासन की विफलताओं का आरोप लगाया, जिसमें गंदे पानी की आपूर्ति, उच्च बिजली बिल, राशन कार्ड में देरी और पेंशन वितरण में चूक जैसे मुद्दे शामिल हैं। दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 15 फरवरी, 2025 को समाप्त होने के साथ, चुनाव दिल्ली के प्रमुख राजनीतिक खिलाड़ियों के बीच एक भयंकर लड़ाई का वादा करता है। दिल्ली में 


दिल्ली में इंडिया गठबंधन पूरी तरीके से बिखरा हुआ नजर आ रहा है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है। समाजवादी पार्टी से भी कांग्रेस की बात बनती हुई दिखाई नहीं दे रही है। इसके अलावा इंडिया गठबंधन में शामिल कुछ अन्य दल भी अपनी उम्मीदवार दिल्ली में उतार सकते हैं। दूसरी ओर एनडीए की बात करें तो जदयू ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि वह भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। चिराग पासवान की पार्टी को भी एक या दो सीट दिल्ली में लड़ने के लिए दिया जा सकता है। दिल्ली चुनाव जीतने के लिए भाजपा अपनी पूरी ताकत लगा रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव में यहां के साथ के साथ सीटें भाजपा की झोली में गई थी। 



बिहार चुनाव

अक्टूबर-नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव 2025, 243 निर्वाचन क्षेत्रों में एक उच्च दांव वाली लड़ाई का वादा करते हैं। 2020 के चुनावों के बाद, नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का नेतृत्व किया, लेकिन अगस्त 2022 तक, वह राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो गए, केवल जनवरी 2024 में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में लौट आए। इस राजनीतिक पुनर्गठन ने कुमार को केंद्रबिंदु बना दिया है। भाजपा और सहयोगी दल उनकी घटती लोकप्रियता की आलोचना के बावजूद उनके नेतृत्व का समर्थन कर रहे हैं।

 

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अब जन सुराज पार्टी का नेतृत्व कर रहे प्रशांत किशोर ने जदयू के खराब प्रदर्शन की भविष्यवाणी की है और कहा है कि अगर वह 20 से अधिक सीटें हासिल करती है तो वह संन्यास ले लेंगे। राजद, कांग्रेस और वामपंथियों वाला इंडिया ब्लॉक आंतरिक दरारों और दलबदल से जूझ रहा है, जिससे वर्तमान में इसकी स्थिति और कमजोर हो गई है। हालांकि इससे एनडीए को प्री-पेड बिजली मीटर और जहरीली शराब त्रासदी जैसे शासन संबंधी मुद्दों पर जनता के असंतोष से राहत मिली है। 

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