Modi ने बिठाकर ट्रूडो को समझाया, फिर भी नहीं मानें, क्यों, कैसे, क्या, भारत कनाडा विवाद पर सारे सवालों के जवाब 10 प्वाइंट में जानें

By अभिनय आकाश | Oct 16, 2024

आज की तारीख में अगर हम पाकिस्तान के अलावा किसी और एक देश का जिक्र करें जिसके साथ भारत के रिश्ते सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। तपाक से नाम कनाडा का नाम आ जाता है। खालिस्तान के मामले को लेकर भारत पिछले कई सालों से कनाडा से ये उम्मीद जता रहा है कि वो अलगाववाद और खालिस्तानियों के खिलाफ कुछ न कुछ ठोस और सख्त कार्रवाई करेगा। कनाडा भारतीय नागरिकों और अधिकारियों को सुरक्षा दे पाने में पिछले कई सालों में असमर्थ साबित हुआ है। भारत बार बार कनाडा से बैठकर बातचीत करने की बात करता रहा है। लेकिन निज्जर हत्याकांड के बाद दोनों के रिश्ते लगातार तल्ख होते जा रहे हैं। भारत और कनाडा के बीच वार पलटवार की स्थिति और गहरी हो रही है। दोनों देश एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। भारत के जबरदस्त एक्शन के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री प्रेस के सामने आकर अपनी जवाबदेही तय कर रहे हैं और कह रहे हैं कि भारत के साथ वो एक साल से काम करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन भारत का सहयोग नहीं मिल रहा है। लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि पिछले एक साल से भारत कनाडा से सबूत मांग रहा है और वो सबूत देने में हर बार असमर्थ साबित हो रहा है। भारत और कनाडा के बीच डिप्लोमेसी वॉर का भी आगाज हो गया है। 

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1. कैसे शुरू हुआ विवाद? 

18 जून 2023 को कनाडा में खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या उस समय हुई जब वो गुरुद्वारे से बाहर निकल रहा था. पुलिस ने जांच शुरू की। 18 सितंबर 2023 को  कनाडा ने निज्जर की हत्या का इल्जाम भारत सरकार पर मढ़ा। आरोप भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों पर भी लगा। 20-21 सितंबर 2023 को भारत ने कनाडा में अपने नागरिकों के लिए अड्वाइजरी जारी की। कनाडा के लोगों को वीजा इशू करने पर प्रतिबंध लगा दिया।

2. कौन था हरदीप सिंह निज्जर? 

हरदीप सिंह निज्जर भारत के पंजाब का रहने वाला था, जो 1990 के दशक में कनाडा चला गया था और वहां एक सिख गुरुद्वारा के प्रमुख के तौर पर काम कर रहा था। निज्जर अलगाववाद को बढ़ावा दे रहा था और अलग सिख राष्ट्र के लिए लोगों को भड़का रहा था। भारत सरकार ने 2020 में निज्जर पर भारत में हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए उसे आतंकवादी घोषित कर दिया था।

3. क्या होता है पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट

13 अक्टूबर 2024 को कनाडा ने भारत को एक चिट्ठी भेजी। इसमें कहा कि कनाडा की सरकार भारतीय हाई कमिश्नर संजय कुमार वर्मा और अन्य डिप्लोमैट को 'पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट' मान रही है। अंग्रेजी के इस संबध के संकेत ये कि निज्जर की हत्या में इन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है यानी ये आरोपी हैं। 

4. मामाल इतना गरम क्यों हो गया? 

14 अक्टूबर को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने भारत सरकार के अधिकारियों पर कनाडा में रहकर खुफिया जानकारी जुटाने, टारगेट किलिंग और कनाडा के नागरिकों को धमकाने व हिंसा में शामिल होने के गंभीर आरोप लगाए। ट्रूडो ने कहा कि सबूत में छह भारतीय अधिकारियों को पर्सन ऑफ इंटरेस्ट करार दिया गया था। भारत सरकार से बार बार मांग करने के बावजूद भी उन्होंने कोई मदद नहीं करने का फैसला किया। कनाडा की धरती पर कनाडा नागरिकों की हत्या और धमकी में किसी विदेशी हाथ को हम कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। फिर उन्होंने कनाडा में मौजूद भारतीय राजनयिकों से कहा कि वो देश छोड़ दें। 

5. भारतीय अधिकारियों पर क्या इल्जाम लगे

कनाडा के पुलिस कमिश्नर माइक डुहेम ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि कनाडा में मौजूद भारतीय राजनयिक और अधिकारियों ने अपने पद का गलत इस्तेमाल कर गुप्त तरीके से भारत सरकार के लिए जानकारियां जुटाईं हैं। इसके लिए भारतीय अधिकारियों ने एजेंट्स का इस्तेमल किया। इनमें से कुछ एजेंट्स को भारत सरकार के साथ काम करने के लिए धमकाया गया और उन पर दवाब बनाया गया। 

6. लॉरेंस बिश्नोई का कैसे आया नाम? 

कनाडा की पुलिस आरोप लगा रही थी कि भारत लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ मिलकर कनाडा में अपराध करवा रहा है। कनाडा के लोगों पर हमला करवा रहा है। इसके बाद एक पत्रकार ने कनाडा की पुलिस से सवाल पूछा कि क्या ये हमले सिर्फ सिखों पर हो रहे हैं या फिर खालिस्तानियों पर? इसके जवाब में पुलिस ने कहा कि भारत ये हमले सिखों पर नहीं खालिस्तानियों पर करवा रहा है। बिश्नोई ने एक इंटरव्यू में खुद को अलगाववाद के खिलाफ बताया था। न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी चर्चा है कि भारत की खुफिया एजेंसी रॉ लंबे समय से आपराधिक नेटवर्क का इस्तेमाल करके अपने विरोधियों को खत्म कर रही है और उसने लॉरेंस गैंग का भी इस्तेमाल किया है।

7. भारत ने कैसे किया पलटवार

भारत ने भी जवाबी कार्रवाई की। सबसे पहले कनाडा के राजदूत को समन जारी किया। बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा द्वारा लगाए गए इल्जाम किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं। भारत ने भी कनाडा के टॉप छह अधिकारियों को सामान पैक कर 19 अक्टूबर की रात तक निकल लेने को कहा। 

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8. आगे क्या हो सकता है? 

कनाडा NATO और G7 जैसे समूहों का सदस्य है, जबकि भारत उभरती हुई आर्थिक शक्ति है और वैश्विक मंच पर बड़ी भूमिका निभा रहा है। यह विवाद आपसी रिश्तों को तो खराब करेगा ही, अन्य अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी असर डाल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि कनाडा पर सबूत देने का दबाव बढ़ सकता है। मामला अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया जा सकता है और कुछ देशों के हस्तक्षेप से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों को सुधारने की कोशिशें हो सकती है। 

9. G7, Five Eyes का रुख

कनाडा ने जी7 और फाइव आइज के सामने मामले को उठाने की बात कही है। Five Eyes में कनाडा के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड है, जबकि जी7 में कनाडा के साथ फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूके और अमेरिका है। एक्सपर्ट का कहना है कि इनमें से फिलहाल कनाडा को छोड़ सभी देशों से भारत के अच्छे संबंध है। कोई भी देश भारत को नाराज नहीं करना चाहेगा।

10. वीजा सर्विस पर क्या पड़ेगा असर

भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संकट गहरा गया है. भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को 19 अक्टूबर तक वापस जाने को कह दिया है तो कनाडा ने भी भारत के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। भारत-कनाडा के बीच इस तनाव से अब वीजा आवेदकों में अनिश्चितता पैदा हो गई है। दोनों देशों के बीच खराब होते संबंधों का असर वीजा प्रक्रियाओं पर पड़ सकता है। माना जा रहा है कि इस राजनयिक संकट से वीजा की संख्या में कटौती हो सकती है। 

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