Prajatantra: राजनीति के केंद्र में क्यों आ जाते हैं हिंदू धर्म ग्रंथ, Ramcharitmanas के बाद अब Mahabharat की बारी!

By अंकित सिंह | Jul 28, 2023

जब भी भारत का जिक्र होता है तो इसके विविधता की बात होती है। इसके एकता के बाद होती है। इसके धर्मनिरपेक्षता की बात होती है। अगर यूं कहें कि दुनिया में अगर किसी देश में सबसे ज्यादा धर्मों के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं तो उसमें भारत का नाम ही सबसे ऊपर होगा। भारत की यही खासियत है। यही हमारे देश भारत को दुनिया के बाकी देशों की तुलना में अलग खड़ा करता है। यह हमारी आज भी मजबूत कड़ी है और पहले भी रही है। हालांकि, यह बात भी सच है इस समय-समय पर हमारे यहां के सामाजिक सद्भावना को बिगाड़ने की भी कोशिश हुई है। वर्तमान समय में देखें तो नेताओं के बयान और फिल्मों को लेकर भी सवाल खड़े हुए हैं। हालांकि, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देकर कुछ चीजों को जायज ठहरा भी दिया जाता है तो कुछ चीज समाज के लिए गलत साबित होने लगती हैं।

 

इसे भी पढ़ें: Prajatantra: Karnataka में पांच गारंटी बनी Congress के गले की फांस! क्या हैं DK Shivakumar के बयान के मायने


भूपेन बोरा का विवादित बयान

वर्तमान में देखें तो असम कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने जो बयान दिया है उससे कहीं ना कहीं हिंदू भावनाओं को आहत पहुंच सकती है। उनके बयान को लेकर अब मामला गर्म होता जा रहा है। सबसे पहले हम आपको बताते हैं कि भूपेन बोरा ने क्या कहा। बोरा ने कहा, ‘‘प्यार और जंग में सब कुछ जायज है। हमारे प्राचीन ग्रंथों में कृष्ण का रुक्मणी को भगाकर ले जाने समेत कई कहानियां हैं और मुख्यमंत्री को आज के दौर में विभिन्न धर्मों तथा समुदायों के लोगों के बीच शादियों को लेकर विरोध का राग नहीं अलापना चाहिए।’’ भूपेन बोरा ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, ''जब भगवान कृष्ण रुक्मिणी से विवाह करना चाहते थे, तब अर्जुन एक महिला के भेष में आए थे। महाभारत में भी लव जिहाद था।” 


हिमंत विश्व सरमा भड़के

बोरा के बयान की निंदा करते हुए हिमंत ने कहा कि यह टिप्पणी सनातन और हिंदू धर्म के खिलाफ है। मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि भगवान कृष्ण और रुक्मिणी के विषय को घसीटना निंदनीय है। यह सनातन धर्म के विरुद्ध है। मैं कांग्रेस से अनुरोध करता हूं कि जिस तरह हम हजरत मुहम्मद या ईसा मसीह को किसी विवाद में नहीं घसीटते, उसी तरह हमें भगवान कृष्ण को भी किसी विवाद में घसीटने से बचना चाहिए। भगवान की तुलना आपराधिक गतिविधि से करना स्वीकार्य नहीं है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अगर हिंदू पुरुष अपने समुदाय की महिलाओं से शादी करते हैं और मुस्लिम पुरुष अपने समुदाय की महिलाओं से शादी करते हैं तो देश में शांति रहेगी। हिमंत विश्व शर्मा ने यह भी कहा कि अगर धार्मिक भावनाओं को आहत करने को लेकर कोई उनके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराता है तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।


क्या है मामला

ये बयानबाजी तब हुई गोलाघाट जिले में सोमवार को 25 वर्षीय एक व्यक्ति ने पारिवारिक विवाद के कारण अपनी पत्नी और सास-ससुर की हत्या कर दी तथा बाद में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। सरमा ने इसे ‘लव जिहाद’ का मामला बताया था क्योंकि पति मुस्लिम और पत्नी हिंदू थी। इसी को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से पलटवार किया गया था। 

 

इसे भी पढ़ें: Prajatantra: Tamil Nadu में BJP के भरोसेमंद हैं K Annamalai, पदयात्रा से पार्टी को दिलाएंगे चुनावी जीत!


हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह की बयानों को सार्वजनिक तौर पर दिया गया है। बड़ा सवाल यही है कि आखिर हिंदू देवी-देवताओं और उनके ग्रंथों को ही टारगेट क्यों किया जाता है? देश में किसी अन्य धर्म और उनके ग्रंथों को लेकर इस तरह के बयान काफी कम सुनने को मिलते हैं। लेकिन हिंदुओं के धर्म ग्रंथों पर आसानी से लोग टीका टिप्पणी कर देते हैं। हाल में ही हमने देखा कि कैसे रामायण को लेकर भी सियासत जबरदस्त तरीके से हुई थी। राजनीतिक तौर पर देखें तो इसके कई कारण भी होते हैं। राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब से सामाजिक समीकरणों को साधना चाहते हैं। कुछ ध्रुवीकरण के रास्ते पर चलकर राजनीति करते हैं तो कुछ तुष्टिकरण की कोशिश में रहते हैं। हालांकि, दोनों का मकसद चुनावी लाभ ही हासिल करना है। इस तरह के बयान को देते वक्त नेताओं के मन में वोट बैंक को लेकर गुणा भाग जरूर चलता है। उन्हीं गुणा भाग को अपने पक्ष में करने के लिए नेता इस तरह के बयान देते हैं। वर्तमान में देखें तो भाजपा जहां हिंदुत्व और राष्ट्रीयता की बात कर रही है तो वहीं कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल भाजपा पर अल्पसंख्यकों को टारगेट करने का आरोप लगा रही है। हालांकि, जनता सब समझती है और समय आने पर अपने वोट के जरिए नेताओं को इसका जवाब भी देती है। यही तो प्रजातंत्र है।

प्रमुख खबरें

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 2025 के लिए सरकारी कैलेंडर का अनावरण किया

ISRO Chief बन गया ये IITian, अब संभालेंगे एस सोमनाथ की जगह जिम्मेदारी

Delhi Weather: दिल्ली में ठंड से नहीं मिली लोगों को राहत, कोहरे के कारण ट्रेन और फ्लाइट हुई प्रभावित

ब्रह्मपुत्र पर चीन के प्रस्तावित बांध को लेकर भारत सतर्क: राजनाथ सिंह