मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है। इस महामारी के कारण न जाने कितने लोग काल के गाल में समा गए। 25 अप्रैल को मलेरिया के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। तो आइए मलेरिया बुखार के कारण और उसकी रोकथाम के विषय में चर्चा करते हैं।
विश्व मलेरिया दिवस क्यों मनाया जाता है
मौसम बदलते ही मलेरिया घर-घर में आ पहुंचता है। मलेरिया एक विश्वव्यापी समस्या है। इसके लिए दुनिया के सभी देश गम्भीरता से विचार कर रहे हैं। 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। यूनिसेफ द्वारा इस दिन को विशेष रूप से विश्व मलेरिया दिवस के रूप में मनाया जाता है।
मलेरिया डे इतिहास के आइने में
मई 2007 से मलेरिया दिवस मनाया जा रहा है। मलेरिया दिवस मनाने का निर्णय विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र में लिया गया था। हर साल मलेरिया दिवस मनाने के लिए अलग-अलग थीम निर्धारित की जाती है। 2016-17 में विश्व मलेरिया दिवस का थीम थी अच्छे के लिए मलेरिया का अंत। 2018 में विश्व मलेरिया दिवस की थीम है मलेरिया को हराने के लिए तैयार रहें।
मलेरिया क्या है
मलेरिया एक तरह का बुखार है जो रोगी को ठंड या कपकपी लगने के बाद होता है। यह बुखार संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है। इस बुखार से पीड़ित लोगों में बच्चों की संख्या अधिक होती है जिन्हें बचा पाना बहुत मुश्किल होता है। संक्रमित मच्छर मादा एनाफिलीज के काटने के बाद दस से बारह दिन में बुखार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
मलेरिया के लक्षण
वैसे तो मलेरिया बुखार में रोगी को कंपकपी के साथ तेज बुखार होता है। लेकिन सिर दर्द, उल्टी और अचानक ठंड लगना इसके मुख्य लक्षण हैं। मलेरिया के शुरूआती लक्षणों में सर्दी-जुकाम, पेट में गड़बड़ी दिखाई देती है। उसके बाद धीरे-धीरे जोड़ों में दर्द और सिर में दर्द के साथ बुखार शुरू हो जाता है। कभी-कभी रोगी में नब्ज तेज होना और तेज दस्त की शिकायत भी होती है। मलेरिया के कारण रोगी के रेड ब्लड सेल्स नष्ट हो जाते हैं।
मलेरिया के समय बरतें सावधानियां
मलेरिया एक घातक बीमारी है। इस रोगी से ग्रसित व्यक्ति को हमेशा पूरी बाजू के कपड़े पहना कर रखें। इसके अलावा उसे मच्छरदानी में सोने को कहें। घर के अंदर क्वाइल जलाकर रखें। साथ ही अगर कहीं गंदा पानी इकट्ठा हो तो उसमें ऑयल डाल दें। जहां कहीं पानी एकत्रित होने की सम्भावना हो वहां पानी न जमा होने दें।
-प्रज्ञा पाण्डेय