By अंकित सिंह | May 23, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान में इसी दौरान उन्होंने भारतीय समुदायों को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे मक्खन पर लकीरे करने में मजा नहीं आता, मैं पत्थर पर लकीर करता हूं। उन्होंने दावा किया कि जब भारत की स्थिति में परिवर्तन आया है। आज भारत दुनिया की आंखों में आंखें डाल कर बात करता है और दुनिया उसे सुनती है। उन्होंने कहा कि आज का भारत अपने अतीत पर जितना गौरवान्वित है, उतना ही वर्तमान पर। मोदी ने कहा कि आजादी का ये अमृत काल भारत की समृद्धि का, भारत की संपन्नता का एक बुलंद इतिहास लिखने वाला है। मुझे जो संस्कार मिले हैं, जिन-जिन लोगों ने मुझे गढ़ा है उसके कारण मेरी भी एक आदत बन गई है। मुझे मक्खन पर लकीर करने में मजा नहीं आता है, मैं पत्थर पर लकीर करता हूं।
मोदी ने कहा कि भारत आज ग्रीन फ्यूचर, ग्रीन जॉब्स रोडमैप के लिए भी बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बहुत प्रोत्साहन दिया जा रहा है। ग्रीन हाइड्रोजन को हाइड्रोकार्बन का विकल्प बनाने के लिए विशेष मिशन शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत में आज सही मायने में people led governance काम कर रही है। गवर्नेंस का यही मॉडल, डिलिवरी को efficient बना रहा है। यही democracy पर निरंतर मज़बूत होते विश्वास का सबसे बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि आपने अपनी स्किल्स से, अपने टैलेंट से अपनी एंटरप्रेन्योरशिप से जापान की इस महान धरती को मंत्रमुग्ध किया है। भारतीयता के रंगों और भारत की संभावनाओं से भी आपको जापान को लगातार परिचित कराना है। मुझे विश्वास है कि आपके सार्थक प्रयासों से भारत-जापान की दोस्ती को नई बुलंदी मिले।
मोदी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की आशा बहनों को डायरेक्टर जनरल्स- ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड से सम्मानित किया है। भारत की लाखों आशा बहनें, मैटेरनल केयर से लेकर वैक्सीनेशन तक, पोषण से लेकर स्वच्छता तक, देश के स्वास्थ्य अभियान को गति दे रही हैं। उन्होंने कहा कि आस्था हो या एडवेंचर, जापान के लिए तो भारत एक स्वाभाविक टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। इसलिए भारत चलो, भारत देखो, भारत से जुड़ों, इस संकल्प के लिए मैं जापान के हर भारतीय से आग्रह करूंगा कि वो उससे जुड़े।