कौन है हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे, जिसे पकड़ने गए 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए

By अंकित सिंह | Jul 03, 2020

कानपुर में अपराधियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक सहित उत्तर प्रदेश पुलिस के कम से कम आठ कर्मी मारे गए। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि को चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत दिकरू गांव में पुलिस का दल आदतन अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने जा रहा था। उसी दौरान मुठभेड़ हो गई। दुबे के खिलाफ करीब 60 आपराधिक मामले चल रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस का एक दल अपराधी के ठिकाने के पास पहुंचने ही वाला था। उसी दौरान एक इमारत की छत से पुलिस दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई जिसमें पुलिस उपाधीक्षक एस पी देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कॉन्स्टेबल मारे गए। 

 

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तो चलिए आपको बताते है कि आखिर यह विकास दुबे है कौन? विकास दुबे का नाम सामने आते ही आपको 2001 की वह घटना याद आ जाती होगी जब राजनाथ सिंह सरकार में मंत्री का दर्जा पाए संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या कर दी गई थी। विकास दुबे को इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी माना जाता है। साल 2000 में विकास दुबे पर कानपुर के शिवली थाना क्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक का प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की भी हत्या का आरोप लगा। इसके अलावा इसी साल शिवली थाना क्षेत्र में रामबाबू यादव की हत्या का भी आरोप विकास दुबे पर ही लगा और कहा गया कि वह जेल के भीतर रहकर इस घटना का साजिश रच रहा था। 

 

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साल 2004 में हुई केबल व्यवसाई दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे आरोपी है। विकास पर अपने भाई को मारने की साजिश के भी आरोप है। कहां जाता है कि विकास दुबे ने 2018 में अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला करवाया था। माती जेल में बैठकर पूरी साजिश रची थी। पर ऐसा नहीं है कि विकास दुबे सिर्फ हत्या का ही आरोपी है। इसपे कई और आरोप भी लगे हैं लेकिन अब तक उसे उसके गुनाहों की सजा नहीं मिल पाई है। इसका कारण यह भी है कि विकास दुबे की पकड़ सभी राजनीतिक दलों में अच्छी है।

 

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चौबेपुर विधानसभा के पूर्व विधायक हरिकिशन श्रीवास्तव का विकास दुबे काफी करीबी बताया जाता है। फिलहाल हरिकिशन श्रीवास्तव की गिनती बसपा के बड़े नेताओं में होती है। कहा जाता है कि पूर्व विधायक जो काम नहीं कर पाते थे उनके लिए उनका काम विकास दुबे करता था। विकास दुबे का मुख्य काम रंगदारी वसूलना भी था। विकास दुबे बीएसपी से भी जुड़ा हुआ था। वह जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है। बीएसपी सरकार जाने के बाद वह गुमनामी की दुनिया में खो गया। विकास दुबे की पत्नी निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य चुनी गई थी। फिलहाल विकास दुबे इस मामले को लेकर फरार बताया जा रहा है। उसको ट्रेस करने के लिए 100 से ज्यादा मोबाइल फोन लगाए गए है।

 

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