By अंकित सिंह | Nov 09, 2023
एनसीपी पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर आज केंद्रीय चुनाव आयोग में अहम सुनवाई हुई। इस सुनवाई में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी। पिछली सुनवाई में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के गुट के वकीलों की ओर से दलीलें दी गई थीं। अजित पवार गुट ने शरद पवार गुट पर गंभीर आरोप लगाए थे। शरद पवार पार्टी में तानाशाही करते थे। वे अपने पसंदीदा अधिकारियों को पारस्परिक रूप से नियुक्त करते थे। साथ ही अजित पवार गुट के वकीलों की ओर से दलील दी गई कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर उनका पद अवैध है। अजित पवार गुट की इस दलील के खिलाफ शरद पवार गुट के वकीलों ने दलील दी।
कांग्रेस नेता और शरद पवार गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि चुनाव आयोग के समक्ष सुनवाई अभी समाप्त हुई है। हमने आयोग के सामने चौंकाने वाले और अजीब तथ्य पेश किए। आवेदक द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष दायर किए गए 20,000 दस्तावेज ऐसे हलफनामे मिले हैं, जो हमने पेश किया है। उनमें से 8,900 दस्तावेजों की त्रुटियों का चार्ट बनाकर हमने आयोग को दिया जो दर्शाती हैं कि यह जालसाजी, धोखाधड़ी है...इसका मतलब है कि अजित पवार गुट को कोई समर्थन नहीं है। बहस 20 नवंबर को जारी रहेगी। लेकिन हमने चुनाव आयोग से यह भी मांग की कि इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए, IPC के तहत अपराध के तहत कार्रवाई की जाए।
शरद पवार समूह के वकीलों ने दावा किया कि अजित पवार समूह की ओर से फर्जी दस्तावेज जमा किये गये हैं। दिलचस्प बात यह है कि दाखिल हलफनामे में शरद पवार गुट ने दावा किया है कि कई सदस्यों की मौत हो चुकी है। साथ ही शरद पवार गुट के वकीलों ने आरोप लगाया है कि अजित पवार गुट के 2 हजार से ज्यादा हलफनामे झूठे हैं। अजित पवार गुट की ओर से दाखिल हलफनामे में शरद पवार गुट के वकीलों ने कहा कि कुछ दिवंगत अधिकारियों के भी हलफनामे दाखिल किये गये हैं। वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि सुनवाई के दौरान शिवसेना की ओर से कहा गया कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने हलफनामे को स्वीकार किए बिना ही फैसला दे दिया। हमारे साथ शिवसेना जैसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।' अभिषेक मनु सिंघवी ने अनुरोध किया कि हमारा हलफनामा स्वीकार किया जाए।