सरकार कोई भी हो प्रयागराज वाले 'नंदी' का रुतबा कायम रहता है, कभी बीजेपी के विजय रथ को रोका था

By अभिनय आकाश | Apr 23, 2022

राम मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ से ज्यादा की धनराशि दिया जाना। पीएम मोदी पर बनी बायोपिक प्रयागराज के हजारों लोगों को फ्री में दिखाना। कश्मीर फाइल्स के शो प्रयागराज में बढ़वाने से लेकर फिल्म की टीम को सीएम योगी से मुलाकात करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने तक। वजहें अलग-अलग लेकिन नाम एक जो हमेशा प्रदेश की राजनीति में चर्चा में रहता है। वो नाम है उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी का जो योगी पार्ट टू सरकार में दूसरी बार अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे। जिनके बारे में कहा जाता है कि सरकार किसी की भी रहे नंदी का रुतबा हमेशा कायम रहता है। वो बसपा की सरकार में भी मंत्री रहे और योगी पार्ट 1 और पार्ट 2 दोनों ही सरकार में मंत्री बने।

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शुरुआती सफर 

23 अप्रैल 1974 को इलाहाबाद में पदा हुए। उनसे पहले की पीढ़ियों का कुछ खास पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं था। नंद गोपाल गुप्ता के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने काफी कम उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया था। छोटे-मोटे काम करते-करते साल 2000 आते-आते नंद गोपाल गुप्ता का सीमेंट और बालू कारोबार में बड़ा नाम हो चुका था। यही से उनकी राजनीतिक यात्रा की पटकथा लिखने की शुरुआत होने लगी। साल 2007 में बसपा ज्वाइन करने के बाद उन्हें इलाहाबाद की दक्षिण सीट से टिकट मिला। बसपा की सोशल इंजीनियरिंग के बीच पूरे प्रदेश में उन्हें जबरदस्त समर्थन मिला। सरकार बनी और सरकार में नंद गोपाल गुप्ता मंत्री बने। 

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कभी इलाहाबाद में रोका था बीजेपी का विजय रथ 

साल 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने 28587 वोटों से जीस हासिल की थी। तब नंद गोपाल गुप्ता ने सपा के हाजी परवेज को हराया था। प्रयागराज दक्षिण विधानसभा सीट कभी बीजेपी का गढ़ मानी जाती थी। साल 1989 से लेकर 2002 तक बीजेपी के कद्दावर नेता केशरी नाथ त्रिपाठी लगातार इस सीट से जीतते रहे। मौजूदा विधायक नंद गोपाल गुप्ता इससे पहले बसपा में थे। उन्होंने ही 2007 में इस सीट पर बीजेपी के बढ़ते विजय रथ को रोका था। हालांकि साल 2012 में सपा के हाजी परवेज ने कड़ी टक्कर में बसपा के टिकट पर लड़ रहे नंद गोपाल गुप्ता को मात दी थी। उन्हें महज 414 वोटों से जीत मिली थी। 2012 में हार के बाद नंदी ने कांग्रेस का भी दामन थामा था। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर प्रयागराज सीट पर चुनाव लड़ा। लेकिन हार गए। इसके बाद साल 2017 विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले वे बीजेपी के खेमे में पहुंच गए। 

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