वो कौन-से कारण रहे जिन्होंने मध्य प्रदेश में कोरोना का इतना प्रसार कर दिया ?

By दिनेश शुक्ल | Apr 16, 2020

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। प्रदेश की व्यवसायिक राजधानी इंदौर देश में मुम्बई के बाद दूसरा शहर है, जहां सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज चिहिंत किए गए हैं। राज्य में पिछले 24 दिनों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। अबतक स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के आधार पर मध्यप्रदेश में 938 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। जबकि अभी तक 53 लोगों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो चुकी है। वही प्रदेश के 52 में से 26 जिले कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। जहां प्रदेश की राजधानी भोपाल में 167 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है तो वही इंदौर में यह आंकड़ा 544 तक पहुंच गया है।


इंदौर में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के मामले सामने आने की वजहों की बात की जाए तो सबसे बड़ा कारण यहां से आने-जाने वाली अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें हैं। यहां कई लोग हर रोज कई देशों से यात्रा कर वापस आते है और यहं से जाते भी हैं। औद्योगिक नगरी होने के कारण यहां कई सम्मेलन, संगोष्ठियों के अलावा व्यापारिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। जिसमें देश-विदेश से लोग एकत्र होते हैं। इंदौर शहर में इन्हीं सब गतिविधियों के चलते हलचल अधिक रहती है। कोरोना संक्रमण के आहट भारत में होली के आसपास शुरू हुई तब तक यही माना जा रहा था कि यह वायरस चीन तक ही सीमित है। 

 

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इस दौरान इंदौर में रंगपंचमी पर राजबाड़ा में लोग गेर (होली का पारंपरिक फाग जलूस) में हजारों की संख्या में लोग एकत्र होते है। हालंकि प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के चलते गेर के इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया था, इसके बावजूद भी हर वर्ष की भांति इस साल भी 14 मार्च 2020 को पड़ी रंगपंचमी पर इंदौर के राजबाड़ा में अच्छी खासी संख्या में लोग इकट्ठे हुए। जिसमें कई विदेशी पर्याटक भी शामिल थे। इस बार तो इंदौर कलेक्टर ने गेर को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए यूनेस्को को नामांकन के लिए भेजने की रूप रेखा तैयार की थी। गेर को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में यूनेस्कों की मान्यता दिलाने के लिए यूनेस्कों की भारत में नोडल एजेन्सी नई दिल्ली स्थित संगीत नाटक अकादमी को नामांकन भिजवाया जाने वाला था ताकि इंदौर के पूर्व होलकर शासकों की इस सांस्कृतिक परंपरा को एक अलग पहचान मिल सके। 


इंदौर के लोगों ने इस साल 09 मार्च 2020 को पड़ी होली और रंगपंचमी के त्यौहार को पूरी हर्षों-उल्लास से मनाया जिसमें कई विदेशी सैलानी भी शामिल हुए। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी ऐसे समारोहों में अक्सर देखे जाते है वह भी होली पर बजरबट्टू कार्यक्रम में लोगों के बीच पहुंचे लेकिन जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रम रद्द करने के चलते उन्होनें भी बस लोगों से मेल मिलाप ही किया। वहीं इंदौर के रहने वाले कई लोग दूसरे देशों में काम करते है, वहां से लौटने के बाद वह भी त्यौहार के इन कार्यक्रमों में शामिल हुए। चूंकि यह माना जा रहा है कि कोरोना वायरस विदेश से भारत में पहुंचा है तो इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि विदेश से आने वाले ऐसे लोगों के संपर्क में आने से कोरोना संक्रमण ने इंदौर में यह भयावह रूप ले लिया। इसी के साथ दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से लौटे कई जमातियों और विदेशी जमातियों की वजह से भी ऐसी स्थिति बनी कि इंदौर शहर को कोरोना संक्रमण ने अपनी गिरफ्त में ले लिया। 

 

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21 दिन का लॉकडाउन पूरा होने के बाद बुधवार से इसका दूसरा फेज शुरू हो गया जो 03 मई तक चलेगा। दूसरे फेज के 19 दिन की इस अवधि में राज्य सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जाने हैं अब लोगों की इस तरफ निगाह है। क्योंकि पिछले 23 मार्च 2020 से लेकर 15 अप्रैल 2020 तक प्रदेश के 52 में से 26 जिलों में संक्रमण फैल चुका है। इंदौर के बाद भोपाल के हालात भी काफी चिंताजनक होती जा रही हैं। यहां 23 मार्च 2020 को 01 कोरोना पॉजिटिव की पहचान हुई थी। उसी दिन मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और रात को ही कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही उन्होंने भोपाल और जबलपुर में लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी और कोरोना संक्रमण के लिए राहत कार्यों में जुट गए थे। जिसको लेकर उन्होंने सबसे पहले दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठकर कर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को लेकर जानकारी ली। वहीं जब तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना वायरस की भयावहता समझ पाते तब तक 28 मार्च 2020 को भोपाल में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 01 से बढ़कर 03 हो चुकी थी। यही नहीं इंदौर में यह दो अंको को पार कर 16 कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ दो व्यक्तियों की जान भी ले चुकी थी जिसमें से एक उज्जैन शहर का रहने वाला था। इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, शिवपुरी और उज्जैन को मिलाकर अब तक कोरोना संक्रमण 06 बडे शहरों में 34 कोरोना पॉजिटिव मरीजों के साथ अपने पैर पसार चुका था। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से आने वाले जमातियों ने कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में होम में घी का काम किया। भोपाल में 36 जमातियों को पुलिस ने चिहिंत किया था इसके साथ ही उनके संपर्क में आने वाले लोगों को भी होम क्वारंटाइन किया गया। 


उसके बाद हर दिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती रही इसी के साथ कोरोना संक्रमित मरीजों के मौत का आंकड़ा भी बढ़ता रहा। हालंकि इस दौरान कई कोरोना पॉजिटिव मरीज पूर्ण स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए लेकिन स्वस्थ होने वालों से जायदा संख्या कोरोना संक्रमितों की थी। वही इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर और उसके बाद प्रमुख सचिव स्वास्थ्य की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने से स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मच गया जिसके बाद कई आईएएस आधिकारीयों के कोरोना संक्रमित होने की भी रिपोर्ट आई तो वही स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पुलिस विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने लगी। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक प्रदेश में 938 में से 64 लोग स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके है तो 806 कोरोना मरीजों की हालत स्थिर बनी हुई जबकि 15 मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है।


राज्य सरकार के निर्देशनुसार राज्य में अभी तक 290 कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित किए गए है जिसमें से भोपाल में 123 तो इंदौर में 115 क्षेत्र कोरोना वायरस को लेकर संवेदनशील घोषित किए गए है। इस दौरान राज्य सरकार कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कई तरह के उपाय कर रही है। जिसमें राज्य के 18 शहरों को टोटल लॉकडाउन किया गया है तो वही स्थानीय निकायों इस क्षेत्रों में सेनेटाइजर से छिड़काव किया जा रहा है। राज्य में 09 लैब कोरोना वायरस के टैस्ट में लगी हुई है। जबकि स्वास्थकर्मियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर 1,63,500 पीपीई किट, 2,25,000 एन-95 मास्क, 56,00,000 थ्री लेयर मास्क, 31,25,000 हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन टेबलेट और 1929 ऑक्सीजन सिलेंडरों का आर्डर किया गया है। वही उपलब्ध मेडिकल सामग्री को उपलब्धता के आधार पर कोरोना संक्रमित जिलों में भेजा जा रहा है। राज्य में 23 अस्पतालों को सिर्फ कोविड मरीजों के उपचार के लिए रखा गया है जहां 4 हजार बेड की व्यवस्था की गई है। जबकि लॉकडाउन के दौरान लोगों को खाने पीने के सामान की असुविधा न हो इसका भी ख्याल रखा जा रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के उन मजदूरों के लिए जो दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं, उनके बैंक अकाउंट में एक-एक हजार रुपए ट्रांसफर किए जाने की बात कही है। तो वही गेहूँ की फसल खरीदी के लिए भी सरकार ने पहले से अधिक खरीदी केन्द्र बनाने का निर्णय लिया है। जिन पर किसानों की फसलों को खरीदा जाएगा। 

 

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हालंकि कोरोना संक्रमण को लेकर फैली भ्रांतियों को लेकर कई अप्रिय घटनाएं भी राज्य में घटित हुई जहां इंदौर के टाटपट्टी इलाके में स्वास्थकर्मियों पर कुछ लोगों ने पत्थरबाजी की तो भोपाल में गस्त के दौरान पुलिस पर धारदार हथियारों से हमला किया गया। जिसको लेकर स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्यवाही करने की बात कही जिसके बाद आरोपियों पर रासुका के तहत कार्यवाही कर उन्हें जेल भेज दिया गया। वैश्विक महामारी के रूप में पैर पसार चुके कोरोना संक्रमण से जहां देश के कई राज्य जद में है तो वही मध्य प्रदेश में इस संक्रमण से स्थिति कुछ अलग नहीं है। महाराष्ट्र की राजधानी मुम्बई में जहां देश के सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज मिले है तो वही मध्य प्रदेश की व्यवसायिक राजधानी यानि मिनी मुम्बई के नाम से पहचान रखने वाला इंदौर शहर दूसरे नंबर पर है जहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। कोरोना को लेकर किए जा रहे प्रयासों में सरकारे जहां अपना काम कर रही है वही लोगों को भी देश के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करते हुए लॉकडाउन का पालन करते हुए कोरोना जैसी महामारी को हराना है। हालंकि यह बात सही है कि यह संक्रमण हमारे देश में दूसरे देशों में रहने वाले हमारे लोगों और सैलानियों से द्वारा आया है, लेकिन हमारी सरकारों ने किन्हीं भी राजनीतिक कारणों की वजह से इसको रोकने के उपायों में देरी कर दी। लेकिन अब इस संक्रमण का मुकाबला भी हमें मिलकर ही करना है। जिसके लिए केन्द्र सरकार से लेकर राज्य सरकारें अपनी पूरी शक्ति के साथ कोरोना वायरस के खात्में के लिए जुटी हुई हैं।


- दिनेश शुक्ल


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