By अंकित सिंह | Sep 27, 2024
कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उत्पादन में राज्य का 10 प्रतिशत योगदान होने के बावजूद, इसे समान अवसर नहीं दिया गया है। उन्होंने इसे अनुचित बताते हुए कहा कि सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयां उन राज्यों में हैं जिनके पास पारिस्थितिकी तंत्र या कौशल सेट नहीं है। अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने लिखा कि पाँच सेमीकॉन विनिर्माण इकाइयाँ, जिनमें से चार गुजरात में हैं, और एक असम में है, लेकिन उनके पास वहाँ कौशल का कोई पारिस्थितिकी तंत्र नहीं है। उनके पास वहां शोध का कोई पारिस्थितिकी तंत्र नहीं है। उनके पास ऊष्मायन का पारिस्थितिकी तंत्र नहीं है। उनके पास नवाचारों के पारिस्थितिकी तंत्र की कोई व्यवस्था नहीं है।
कांग्रेस नेता ने आगे लिखा कि जब 70% चिप डिजाइनिंग प्रतिभा कर्नाटक में है, तो मुझे समझ नहीं आता कि सरकार राजनीतिक रसूख का उपयोग करके इसे दूसरे राज्य में क्यों धकेलना चाहती है। यह अनुचित है। अब इसी को लेकर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रियंका खड़गे पर पलटवार किया है। हिमंत बिस्वा सरमा ने लिखा कि एक बार फिर, कांग्रेस ने असम के विकास का विरोध करके अपना असली रंग दिखाया। कर्नाटक के एक मंत्री, जो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बेटे भी हैं, का दावा है कि असम को सेमीकंडक्टर उद्योग की मेजबानी करने का कोई अधिकार नहीं है! मैं असम कांग्रेस के नेताओं से आग्रह करता हूं कि वे इस विभाजनकारी सोच को खारिज करें और असम के उचित विकास और प्रगति के लिए खड़े हों।
भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत पांच सेमीकंडक्टर इकाइयां हैं जिन्हें 76,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्र और राज्य सरकार की सब्सिडी मिलेगी - साणंद में माइक्रोन की इकाई, धोलेरा में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स-पावरचिप सेमीकंडक्टर की इकाई, सीजी पावर-रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स की इकाई साणंद में, कीन्स सेमीकॉन की इकाई भी साणंद में है, और टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट की इकाई असम के मोरीगांव में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने के बाद कहा कि भारत पहले से ही दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्माता है।