आप जानते हैं कि प्रायः सभी व्यक्तियों को अपनी-अपनी जन्मभूमि प्यारी होती है। खासकर उनलोगों को और अधिक, जो कि अपने जीवनकाल में ही रोजगार की तलाश में अपनी मिट्टी यानी धरती को छोड़कर कहीं और यानी दूर, बहुत दूर चले जाते हैं और अथक परिश्रम से अपना एक सम्मानजनक मुकाम बना पाते हैं। ऐसे लोगों की आर्थिक स्थिति चाहे जितनी मजबूत हो जाये, लेकिन दिल के कोने में जन्मभूमि छोड़ने की कसक रह जाती है।
ऐसे लोग ही अपने गांव या क्षेत्र के विकास की बातें सोचते तो हैं, लेकिन उन्हें सरकारी अथवा निजी समर्थन नहीं मिल पाता है। लोगों की इस मनःस्थिति को योगी सरकार ने समझने की कोशिश की और उसी के अनुरूप एक जन प्रोत्साहन योजना लेकर आई, जिसका नाम है उत्तरप्रदेश मातृभूमि योजना। इसके मुताबिक यदि आपको अपनी जन्मभूमि से प्यार है तो उत्तरप्रदेश मातृभूमि योजना आपका हर सपना साकार कर सकती है, बशर्ते कि वह आपके गांव की बुनियादी जरूरतों को पूरा करती हों और उससे आपके ग्रामीणों को लाभ मिलता हो।
# जानिए, क्या है उत्तरप्रदेश मातृभूमि योजना
उत्तरप्रदेश मातृभूमि योजना के अंतर्गत कोई व्यक्ति, व्यक्तियों के समूह, निजी संस्था पंचायती राज अधिनियम की धारा 15 के अंतर्गत अनुमन्य कार्य, ग्राम पंचायतों में विकास के कार्य या अवस्थापना सुविधाओं के विकास से सम्बंधित कार्य करा सकते हैं। कार्य की लागत की 60 प्रतिशत धनराशि का सहयोग सम्बन्धित व्यक्ति, व्यक्तियों के समूह, निजी संस्था द्वारा एवं 40 प्रतिशत धनराशि का सहयोग राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। इससे न केवल उत्तरप्रदेश के मूल निवासियों को मातृभूमि के विकास से जुड़ने का अवसर प्रदान किया जा सकेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य तीब्र गति से होने के साथ-साथ उनमें गुणात्मक सुधार एवं नवीन तकनीकी एवं विचारों का समावेश भी संभव हो जाएगा। इसके साथ ही निजी निवेश एवं नियमित अनुश्रवण से कार्यों की गुणवत्ता में वृद्धि भी हो जाएगी। सहयोगकर्ता अपने पसंद की एजेंसी से या स्वयं भी कार्य करा सकते हैं।
# उत्तरप्रदेश मातृभूमि योजना में ऐसे जताइए अपनी पूरी भागीदारी
उत्तरप्रदेश मातृभूमि योजना को आरंभ करने की घोषणा 15 सितंबर 2021 को की गई थी। उसके बाद योजना की अधिकारिक वेबसाइट https://mbhumi.upprd.in लॉन्च की गई। साथ ही यह तय किया गया कि ग्रामीण इलाके का विकास करने के लिए नागरिकों व राज्य सरकार दोनों का सहयोग व योगदान बराबर रहेगा। अब एक साल बाद ही सरकार ने अपना योगदान घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया, जबकि अन्य निजी लोगों का योगदान बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया गया है।
यदि आपका जन्म गांव में हुआ या आपके पूर्वज गांव के रहे हैं तो इस नाते भी आपका वहां से विशेष लगाव है। नौकरी व व्यवसाय की वजह से आप दूर शहर में, दूसरे राज्य या विदेश में रहते हुए भी अपनी जन्मभूमि/मातृभूमि को संवारना चाहते हैं तो यूपी सरकार ने आपके इस सपने को साकार करने की जिम्मेदारी ली है। प्रदेश सरकार ने गांवों के विकास में आपकी भागीदारी का द्वार खोल दिया है। उत्तरप्रदेश मातृभूमि योजना सरकारी की वो योजना है जो जन्मभूमि से प्रेम करने वाले लोगों का सपना साकार कर सकती है।
# उत्तरप्रदेश मातृभूमि योजना से ऐसे उठाइए लाभ
उत्तरप्रदेश मातृभूमि योजना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 सितम्बर 2021 को आरम्भ किया था। क्योंकि सरकार इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं यानी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना चाहती है और उसके निर्माण व मेंटेनेंस का पूर्ण भार भी अपने ऊपर नहीं लेना चाहती है, बल्कि इसमें आत्मीय भागीदारी के लिये वह अपने नागरिकों को प्रोत्साहित कर रही है। उसने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि ग्रामीण इलाके का विकास करने के लिए नागरिकों व राज्य सरकार दोनों का सहयोग व योगदान बराबर रहेगा। तब इसमें 50 फीसद राशि सरकार देगी और 50 फीसद राशि सम्बंधित व्यक्ति को देनी होती थी।
इस योजना के माध्यम से गांव में स्कूल व इंटर कॉलेज की कक्षाएं या क्लास, सामुदायिक भवन, प्राथमिक चिकित्सा स्वास्थ्य केंद्र जो चिकित्सा विभाग द्वारा स्वीकृत और स्थापित होना चाहिए- उपचिकित्सा केंद्र भवन, आंगनबाड़ी-मध्याह्न भोजन का रसोई घर व भंडारण गृह, पुस्तकालय (लाइब्रेरी), स्टेडियम, व्यायामशाला एवं उपकरण, ओपन जिम, तालाब का सौंदर्यीकरण, अंत्येष्टि स्थल का विकास, बस स्टैंड, पशु नस्ल सुधार केंद्र, फायर सर्विस सेंटर व स्टेशन के भवन आदि की शुरुवात की जाएगी। इसके साथ-साथ स्मार्ट विलेज का निर्माण करने हेतु सीसीटीवी कैमरा, सर्विलांस सिस्टम लगाने, सोलर स्ट्रीट लाइट हेतु सोलर प्लांट लगवाने, वाटर ट्रीटमेंट व्यवस्था एवं सीवरेज हेतु एसटीपी प्लांट लगवाने और पेयजल हेतु आरओ प्लांट में ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों की हिस्सेदारी होगी। इसलिए यदि आप भी इस योजना में आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म भरना होगा।
# ये हैं उत्तरप्रदेश मातृभूमि योजना की महत्वपूर्ण विशेषताएं
इस योजना के माध्यम से गांवों में होने वाले अवस्थापना विकास के विभिन्न कार्यों में नागरिकों को सीधे हिस्सेदारी प्रदान की जाएगी। परियोजना पर होने वाला कुल लागत का 40 फीसद खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा एवं शेष 60 प्रतिशत खर्च नागरिक की ओर से प्रदान किया जाएगा। जिसके बदले में परियोजना का नाम सहयोगी व्यक्ति की इच्छा अनुसार रखा जाएगा। जिससे कि संबंधित व्यक्ति योजना पर होने वाला आधा खर्च वाहन करके परियोजना का पूरा श्रेय प्राप्त कर सकता है।
इस योजना की औपचारिक शुरुआत के लिए ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग को कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश भी सरकार द्वारा प्रदान कर दिए गए थे, जो उसे मिल चुके हैं। इसके अलावा, सीसीटीवी लगवाना, सोलर लाइट, सीवरेज के लिए एसटीपी प्लांट लगवाने में भी नागरिकों की भागीदारी होगी।
# उत्तरप्रदेश मातृभूमि योजना के लिए पात्रता एवं महत्वपूर्ण दस्तावेज
आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए। उसके पास आधार कार्ड होना चाहिए। अभ्यर्थी के पास निवास प्रमाण पत्र, आय का प्रमाण, आयु का प्रमाण, राशन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी होनी चाहिए। सहयोगकर्ता द्वारा सर्वप्रथम स्वयं को मातृभूमि की वेबसाइट https://mbhumi.upprd.in पर पंजीकृत किया जाएगा। फिर पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर प्राप्त यूजर आईडी/पासवर्ड से मातृभूमि योजना की वेबसाइट https://mbhumi.upprd.in पर लॉगिन (लॉगइन) कर चयनित कार्य के सापेक्ष 60 प्रतिशत या अधिक की धनराशि का सहयोग किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए आप स्टेट आईटी कंसल्टेंट द्वय शिवानी मिश्रा से मोबाइल नम्बर 6393672087 पर या अभिषेक कुमार मल्ल से मोबाइल नम्बर 9839928723 पर संपर्क किया जा सकता है।
यदि आप यूपी के मूल निवासी हैं और आपको अपने गांव-समाज से प्यार है तो इस योजना में अवश्य अपनी भागीदारी जताइए। सहयोग की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी एस.ओ.पी. मातृभूमि की वेबसाइट https://mbhumi.upprd.in पर उपलब्ध है। इस योजना की ईमेल आईडी है- matribhumi.up@gmail. com, वहीं इस योजना के कॉल सेंटर का नम्बर है- 0522-3539400.
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार