By अभिनय आकाश | Jun 02, 2023
28 मई वो तारीख जब देश को नया संसद भवन मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक सेंगोल को नए संसद भवन में स्थापित किया। जिसके साथ ही पीएम मोदी ने नए संसद में सीधा संदेश देते हुए कहा कि अगले 25 सालों में भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। नए संसद भवन की एक तस्वीर लगातार चर्चा में बनी हुई है। दरअसल, नए संसद भवन में अखंड भारत का एक नक्शा भी लगा हुआ है। अखंड भारत के इस नए नक्शे को देख कई देशों की बेचैनी भी बढ़ गई है। पाकिस्तान में तो भारत की नई संसद में लगे इस अखंड भारत के नक्शे को लेकर चर्चा तेज है ही। लेकिन एक और पड़ोसी मुल्क नेपाल भी इस पर चितिंत हो उठा है।
नेपाल में अखंड भारत पर बवाल
संसद भवन में लगा नया नक्शा 'अखंड भारत' की अवधारणा को दर्शाता है। यानी भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी को सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के स्थानों के बीच दिखाया है जो आधुनिक भारत की सीमाओं के बाहर मौजूद हैं। इससे नेपाल में विरोध तेज हो गया है। नेपाल के पूर्व प्रधान मंत्री बाबूराम भट्टाराई ने एक बयान में कहा कि इस नक्श में भारत के अधिकांश निकटतम पड़ोसियों के बीच पहले से ही द्विपक्षीय संबंधों को खराब करने वाले विश्वास की कमी को और अधिक बढ़ाने की क्षमता है। वहीं चीन के इशारों पर चलने वाले पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने तो भारत की यात्रा पर आए प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड से इस मुद्दे पर भारतीय नेतृत्व से उठाने की मांग भी की।
पाकिस्तान ने भी जताई चिंता
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भी नक्शे का विरोध किया है। 'अखंड भारत' से जोड़ने वाले एक केंद्रीय मंत्री सहित कुछ भाजपा नेताओं के बयानों से हम स्तब्ध हैं। विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलोच ने कहा, 'अखंड भारत' का अनावश्यक दावा एक संशोधनवादी और विस्तारवादी मानसिकता का प्रकटीकरण है, जो न केवल भारत के पड़ोसी देशों बल्कि अपने स्वयं के धार्मिक अल्पसंख्यकों की पहचान और संस्कृति को भी अपने अधीन करना चाहता है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने बिना मांगे सलाह देते हुए कहा कि भारतीय नेताओं को दूसरे देशों के खिलाफ बयानबाजी में शामिल नहीं होना चाहिए।