Delhi: केजरीवाल के बंगले को लेकर क्या है विवाद, CAG की एंट्री के बाद AAP पर हमलावर हुई BJP और कांग्रेस

By अंकित सिंह | Jun 28, 2023

गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) से दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आधिकारिक बंगला के नवीनीकरण में कथित अनियमितताओं और उल्लंघनों की विशेष ऑडिट कराने के लिए कहने की रिपोर्ट सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) बचाव की मुद्रा में आ गई है। केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए आप ने कहा कि इस कदम से "हताशा की बू आती है" क्योंकि भगवा पार्टी को 2024 के लोकसभा चुनावों में "हार की आशंका" है। आप की यह टिप्पणी केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना की सिफारिश के बाद सीएजी ऑडिट के लिए निर्देश दिए जाने के बाद आई हैं।

 

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क्या हैं आरोप

उपराज्यपाल वी के सक्सेना के कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने उपराज्यपाल के 24 मई को प्राप्त एक पत्र पर गौर करने के बाद विशेष कैग ऑडिट की सिफारिश की है। पत्र में मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के ‘‘पुनर्निर्माण’’ में ‘‘घोर और प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितताओं’’ का उल्लेख किया गया था।  पत्र में एलजी ने कहा कि, दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट के अनुसार, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने केजरीवाल के सिविल लाइन्स आवास के नवीनीकरण के दौरान "विचलन/उल्लंघन" किया। मुख्य सचिव की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि "नवीनीकरण (परिवर्धन/परिवर्तन) के नाम पर", "एक नई इमारत का पूर्ण निर्माण/पुनर्निर्माण" पीडब्ल्यूडी द्वारा किया गया था। इसमें आगे कहा गया है कि निर्माण कार्य की शुरुआती लागत 15-20 करोड़ रुपये के बीच थी, लेकिन इसे "समय-समय पर बढ़ाकर" लगभग 53 करोड़ रुपये कर दिया गया।


PWD अधिकारियों को नोटिस

पिछले हफ्ते, सतर्कता विभाग ने केजरीवाल के सरकारी बंगले के नवीनीकरण पर लगभग 53 करोड़ रुपये के "फिजूलखर्च" का आरोप लगाते हुए सात पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया है कि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने विभाग की फाइल में दर्ज किया है कि मुख्यमंत्री की आवश्यकता के अनुसार आंतरिक हिस्से की रूपरेखा में बदलाव किए गए, जिसके परिणामस्वरूप कुल किए गए काम और स्वीकृत राशि में अंतर हुआ। नोटिस में कहा गया है कि पुराने ढांचे को बिना सर्वेक्षण रिपोर्ट के ध्वस्त कर दिया गया था और पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाए गए नए भवन के लिए किसी भवन योजना को मंजूरी नहीं दी गई थी। 


बीजेपी और कांग्रेस का AAP पर निशाना

भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि भाजपा CAG के फैसले का स्वागत करती है, CAG ने आज केजरीवाल के भ्रष्टाचार के प्रतीक शीशमहल की जाँच करने का फैसला लिया है जिससे अब केजरीवाल का सच जनता के सामने आ जाएगा। भाजपा के रामवीर सिंह विधूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली के टैक्सपेयर्स के 179 करोड़ रुपए लुटाकर राजमहल बनाने की जाँच केंद्रीय गृह मंत्रालय की सिफारिश पर CAG द्वारा करने का हम करते हैं स्वागत। अब हो जाएगा दूध का दूध और पानी का पानी। कांग्रेस ने कहा कि पुनर्निर्माण पर ‘‘171 करोड़ रुपये के भारी खर्च’’ के मामले में विस्तृत आपराधिक जांच होनी चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने ऑडिट कराए जाने की सिफारिश का स्वागत करते हुए कहा कि यह बहुत दुखद है कि जनता के पैसे का इस तरह से ‘शीशमहल’ बनाने में दुरुपयोग किया गया। 


आप का पलटवार

आप ने एक तीखा बयान जारी कर केंद्र के कदम की निंदा की। आप ने कहा, ‘‘मोदी सरकार के इस कदम से हताशा का संकेत मिलता है क्योंकि भाजपा को 2024 के आम चुनावों में हार का अंदेशा है। जहां तक मुख्यमंत्री आवास के पुनर्निर्माण के संबंध में खर्चों की कैग से जांच की बात है, तो यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह पिछले साल ही की जा चुकी है, जिसमें वित्तीय अनियमितताओं का कोई सबूत नहीं मिला।’’ आप ने कहा कि कैग ऑडिट दोबारा शुरू करना भाजपा की ‘‘हताशा, सनक और निरंकुश प्रवृत्ति’’ का ‘‘स्पष्ट प्रतिबिंब’’ है। सत्तारूढ़ दल ने कहा कि भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी लगातार चुनावी हार से परेशान है। 

 

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ध्यान हटाने के लिए गलाए गए मनगढ़ंत आरोप

पार्टी ने यह भी दावा किया कि ‘‘अडाणी से जुड़े बड़े घोटालों’’ से जनता का ध्यान हटाने के लिए यह कदम और ‘‘शराब कांड’’ जैसे ‘‘मनगढ़ंत आरोप’’ लगाए गए। आप ने कहा, ‘‘एक के बाद एक विपक्षी दलों के नेताओं को निशाना बनाने से भाजपा के अंतर्निहित एजेंडे का पता चलता है। अगर प्रधानमंत्री में वास्तव में साहस है तो उन्हें एक संयुक्त संसदीय समिति द्वारा अडाणी घोटाले की व्यापक जांच का आदेश देना चाहिए।’’ आप ने कहा, ‘‘इसके अलावा, कैग या अन्य केंद्रीय एजेंसियों को मध्य प्रदेश में व्यापमं घोटाले, अयोध्या राम मंदिर में चंदा (दान) घोटाले और असम के मुख्यमंत्री से जुड़े विभिन्न घोटालों की भी गहन जांच करनी चाहिए।’’ मुख्यमंत्री आवास के पुनर्निर्माण के मुद्दे पर पूर्व में राष्ट्रीय राजधानी में राजनीतिक घमासान छिड़ गया था और भाजपा ने मामले की जांच की मांग की थी। वहीं, आप ने कहा था कि आवास का निर्माण 1942 में हुआ था और यह पुराना, जीर्ण-शीर्ण ढांचा था।

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