रोइंग खेल क्या होता है? जानें खेल से जुड़ा इतिहास और नियम

FacebookTwitterWhatsapp

By Kusum | Dec 02, 2023

 रोइंग खेल क्या होता है? जानें खेल से जुड़ा इतिहास और नियम

रोइंग एक ऐसा खेल जिसमें एक नाव को उसके साथ जुड़े एक पतवार की मदद से आगे बढ़ाना होता है। ये अन्य डिसिप्लीन से अलग होता है क्योंकि इसमें नाव को चलाने वाले एथलीट की पीठ नाव की चाल की दिशा में होती है और वे फिनिश लाइन पीछे की ओर से पार करते हैं। 


ओलंपिक में नाविक व्यक्तिगत स्पर्धाओं के अलावा दो, और चार या आठ की टीम में भी प्रतिस्पर्धा करते हैं। 


रोइंग का इतिहास

रोइंग का इस्तेमाल सबसे पहले प्राचीन मिस्त्र, ग्रीस और रोम में यातायात के साधनों के तौर पर किया जाता था। एक खेल के रूप में इसकी शुरुआत संभवत इंग्लैंड के 17वीं शताब्दी और 18वीं शताब्दी के शुरू में हुई जब यूनाइटेड किंगडम में ऑक्शफोर्ड-कैम्ब्रीज यूनिवर्सिटी बोट रेस का आयोजन हुआ, जिसका उद्धाघटन 1828 में हुआ था। 


वहीं ये खेल 19वीं शताब्दी में यूरोप पहुंचा जहां इसने काफी लोकप्रियता हासिल की। 


क्या है खेल के नियम?

  • रोअर एथलीट व्यक्तिगत रूप से या फिर 2,4 या 8 की टीमों में 2,000 मीटर की प्रतिस्पर्धा करते हैं। 
  • डबल स्कल्स एथलीट प्रत्येक हाथ में एक पतवार रखते हैं जबकि स्वीप रोइंग एथलीट दोनों हाथों से एक पतवार को पड़ते हैं। आठ व्यक्तियों की टीम में एक कॉक्सवेन होता है। कॉक्सवेन मुख्य चालक होता है जो नाव को नियंत्रित करता है। 
  • हर 10 से 12.5 मीटर की दूरी पर पानी की गहराई से एक खास तरह की चीज बांधी जाती है जिससे रास्तों को चिन्हित किया जाता है। कोर्स में कम से कम तीन मीटर की गहराई होनी चाहिए। 
  • वहीं गलत शुरुआत करने वाली टीम को पहले चेतावनी दी जाती है। साथ ही अगर एक ही रेस में दो बार गलत शुरुआत करने वाले एथलीट या टीम को अयोग्य करार दिया जाता है। 


रोइंग दो प्रकार के होते हैं?

रेस को स्कलिंग और स्वीप ओअर में बांटा गया है। स्कलिंग इवेंट्स में दो पतवारों का इस्तेमाल होता है। जबकि स्वीप में नाव को चलाने वाला एक पतवार का प्रयोग करता है। आठ व्यक्तियों की टीम में एक कॉक्सवेन होता है जो नाव को चलाता है। साथ ही चालक दल को निर्देशित करता है लेकिन अन्य सभी नावों में एक रोअर एक फुट पेडल के साथ एक छोटे पतवार को नियंत्रित करके नाव को चलाता है। 

 

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की उम्मीदें

 ओलंपियन अर्जुन लाल जाट और अरविंद सिंह की भारतीय पुरुषों की लाइटवेट डबल स्कल्स टीम और पुरुषों की कॉक्स 8 टीम (नीरज, नरेश कलवानिया, नीतीश कुमार, चरनजीत सिंह, जसविंदर सिंह, भीम सिंह, पुनीत कुमार, आशीष) ने एशियन गेम्स रोइंग स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीता था।

 

जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि, पेरिस ओलंपिक 2024 में अगर एक बार फिर से इन्हें मौका मिलता है तो ये भारत की आशाओं को पंख देने का काम करेंगे। 

प्रमुख खबरें

Unnao में होली के जश्न के दौरान हो गया बवाल, पुलिस को करना पड़ा लाठीचार्ज, फाग जुलूस निकालते हुए पुलिस पर उपद्रवियों ने फेंके पत्थर

Sandeep Unnikrishnan Birth Anniversary: गोली खाने के बाद भी नहीं टूटा था संदीप उन्नीकृष्णन का हौसला, दुश्मनों ने टेक दिए थे घुटने

मुख्यमंत्री स्टालिन का हिन्दी विरोध और भ्रष्टाचार पर चुप्पी

ट्रम्प प्रशासन के टैरिफ सम्बंधी निर्णयों से कैसे निपटे भारत