By अभिनय आकाश | Jul 19, 2022
अगर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को रोकना है तो शंघाई तक जाकर परमाणु हमला करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। अमेरिका के पूर्व ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने 1958 में ताइवान और चीन के हमले रोकने के लिए यही कहा था। खास बात यह है कि इस चेतावनी के बाद चीन ने हमले रोक भी दिए थे। तो क्या फिर से ऐसी चेतावनी अमेरिका की तरफ से सामने आ सकती है? दरअसल चीन से बेहद सनसनीखेज तस्वीरें सामने आई हैं। जो दुनिया के लिए गंभीर चेतावनी का सबब बन सकती है। चीन ने टैंक और मिसाइलों का जखीरा दक्षिणी इलाके की तरफ रवाना कर दिया है। ताइवान के करीबी प्रांत में चीनी टैंकों का काफिला कूच करता नजर आया है।
यूक्रेन पर विस्फोटकों का बरसना जारी है। 5 महीने से यह धरती मिसाइल गोला बारूद से कांप रही है। यूक्रेन के शहर कब्रिस्तान बन चुके हैं। हजारों लोग मारे गए लाखों लोग बेघर हो गए। लेकिन युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। युद्ध की ऐसे ही सनक चीनी तानाशाह शी जिनपिंग के दिमाग में भी चल रही है। कई महीने से जिनपिंग के दिमाग में जंगी प्लान आकार ले रहा है। जिनपिंग के इशारों पर चीन की आर्मी आर्डर फॉलो करने निकल पड़ी है।
चीनी फौज का बड़ा काफिला दक्षिण की तरफ बढ़ रहा है। इस काफिले में बड़ी संख्या में टैंक बख्तरबंद गाड़ियां और मिसाइलें शामिल। जो तस्वीरें सोशल मीडिया के माध्यम से चीन से सामने आए हैं उनमें साफ पता चल रहा है कि चीन बड़े जंग की तैयारी कर रहा है। ऐसे में सवाल है कि क्या चीन की फर्स्ट आई वांट को लेकर यूक्रेन जैसा प्रयोग करने वाली है? चाइनीस सोशल मीडिया पर शेयर की गई तस्वीरों से साफ दिखता है कि सैनिको साजो सामान टैंक रेल और सड़क के रास्ते भेजे जा रहे हैं। यह काफिला चीन के दक्षिणी हिस्से की तरफ रवाना हुई है। इसलिए चिंता भी बढ़ गई है। ताइवान चीन के दक्षिण पूर्वी तट के करीब एक सौ मील दूर है। ऐसे में चर्चा तेज है कि क्या चीन की सैन्य तैयारी ताइवान को लेकर है? यह आशंका इसलिए भी है कि ड्रैगन लगातार ताइवान को हड़पने के रास्ते ढूंढ रहा है।