By डॉ. अनिमेष शर्मा | Mar 26, 2025
दिल्ली-एनसीआर में मोबाइल चोरी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे लोगों को न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि उनके व्यक्तिगत डेटा का भी खतरा बढ़ जाता है। इसी समस्या से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस ने ‘ऑपरेशन ट्रैक बैक’ शुरू किया, जिसका उद्देश्य चोरी या गुम हुए मोबाइल फोन्स को ट्रैक करके उनके असली मालिकों तक पहुंचाना था। इस अभियान की बदौलत 216 लोगों को उनके खोए हुए फोन वापस मिले, जिससे उनकी उम्मीदें फिर से जाग उठीं।
क्या है ‘Operation Track Back’?
‘ऑपरेशन ट्रैक बैक’ दिल्ली पुलिस की एक विशेष पहल है, जिसका मकसद चोरी हुए मोबाइल फोन को ढूंढकर उसे उसके असली मालिक तक पहुंचाना है। इस ऑपरेशन के तहत दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 305 चोरी हुए मोबाइल फोन बरामद किए, जिनमें से 216 फोन उनके मालिकों को लौटा दिए गए। यह ऑपरेशन उन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं था, जिन्होंने फोन वापस मिलने की उम्मीद खो दी थी।
कैसे काम करता है ‘Operation Track Back’?
इस ऑपरेशन में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच एक विशेष ट्रैकिंग प्रणाली का उपयोग करती है, जिससे चोरी या गुम हुए मोबाइल फोन्स की लोकेशन पता की जाती है। इसके तहत:
- पुलिस ने IMEI नंबर ट्रैकिंग तकनीक का उपयोग किया, जिससे मोबाइल का पता लगाया जा सका।
- कई मामलों में, पुलिस ने सर्विलांस सिस्टम और साइबर एक्सपर्ट्स की मदद से मोबाइल नेटवर्क का विश्लेषण किया।
- चोरी के फोन खरीदने और बेचने वाले नेटवर्क पर भी निगरानी रखी गई, जिससे कई गिरोहों का पर्दाफाश हुआ।
3 करोड़ रुपये के मोबाइल फोन हुए बरामद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ‘ऑपरेशन ट्रैक बैक’ के तहत जब्त किए गए 305 मोबाइल फोन्स की कुल कीमत करीब 3 करोड़ रुपये आंकी गई है। दिल्ली पुलिस ने सेंट्रल दिल्ली में आयोजित एक विशेष सभा में इन मोबाइल फोन्स को उनके असली मालिकों को सौंपा। जब लोगों को उनके फोन वापस मिले, तो उनके चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी।
ऑपरेशन ट्रैक बैक की बड़ी सफलताएं
इस ऑपरेशन के तहत दिल्ली पुलिस ने हाल के महीनों में कई चोरी हुए मोबाइल फोन्स को बरामद किया:
- 10 जनवरी को 2 करोड़ रुपये के 195 चोरी हुए मोबाइल जब्त किए गए।
- 30 जनवरी को 3 करोड़ रुपये के 58 चोरी हुए फोन बरामद हुए।
- 10 फरवरी को 52 चोरी हुए फोन बरामद किए गए।
‘ऑपरेशन ट्रैक बैक’ दिल्ली पुलिस की एक बेहद सफल और सराहनीय पहल है, जिसने न केवल चोरी हुए फोन वापस दिलाए, बल्कि मोबाइल चोरी करने वाले गैंग्स पर भी लगाम कसी। इस ऑपरेशन ने साबित किया कि यदि सही तकनीक और रणनीति अपनाई जाए, तो चोरी हुए फोन्स को वापस पाना संभव है। उम्मीद है कि भविष्य में यह ऑपरेशन और बड़े स्तर पर लागू किया जाएगा, जिससे और अधिक लोगों को उनका खोया हुआ फोन वापस मिल सके।
- डॉ. अनिमेष शर्मा