चिदंबरम को लेकर SC ने आखिर हाई कोर्ट को क्यों लगाई फटकार?

By अभिनय आकाश | Dec 07, 2019

106 दिन जेल में रहने के बाद चिदंबरम को जमानत मिली तो कांग्रेस ने उनके स्वागत में फूलों की बरसात कर दी। सरकार ने उन्हें तब तक जेल में रखा जब तक वो रख सकते थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को भी आंख दिखा दी तो बात ही क्या हैं? भ्रष्टाचार के मामले में फंसे भारत के पूर्व वित्त मंत्री और गृह मंत्री पी चिदंबरम जेल से बाहर आए तो कांग्रेस ने उनके रिहाई के जश्न में तब्दील कर दिया। 106 दिन हो गए उस घटना के जिसे कांग्रेस कह रही है कि ये दुर्भावना थी और उन्हें छुड़ाने की भावना पर भारत की सर्वोच्च न्यायालय ने आखिर कह दिया ले जाइए, लेकिन जरा संभल कर। 

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सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम की जमानत नामंजूर करने के पीछे की गई टिप्पणियों के लिए दिल्ली हाई कोर्ट को कड़ी फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जरूरी नहीं है कि हर केस में जमानत नामंजूर की जाए। चिदंबरम को केस का मुख्य साजिशकर्ता कहना गैरजरूरी था। और ये भी कि सबूतों और गवाहों को प्रभावित किए जाने की कोई आशंका नहीं है। हाई कोर्ट को केस व्यक्तिगत आधार पर नहीं मेरिट के आधार पर देखना चाहिए। फिर क्या था उधर अदालत ने भयंकर घोटाले में फंसे कांग्रेस के सिपाही को कारागार से छोड़ने के लिए कलम चलाई और इधर राहुल गांधी ने ट्वीटर पर अपनी उंगलियां। राहुल ने ट्वीट किया कि पी चिदंबरम को 106 दिन कैद में रखना बदला लेने जैसा था। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। जिसकी मुझे खुशी है। मुझे भरोसा है कि सही ट्रायल में वे अपनी बेगुनाही जरूर साबित करेंगे। 

 

दरअसल, चिदंबरम पर लगे दाग को धोने में पूरी कांग्रेस पार्टी जुटी थी। और उनकी जमानत पर उन्होंने ऐसे जाहिर किया जैसे वो बरी हो गए हों। कांग्रेस के ट्वीटर एकाउंट से ट्वीट किया गया। आखिरकार सच की जीत हुई। सत्य मेव जयते। 

सोचिए एक चिदंबरम के बिना पूरी कांग्रेस पार्टी कितनी सूनी थी कि उनके तिहाड़ से निकलते ही उनकी जिंदगानी लौट आई। बेटे ने कहा पापा कल से ही संसद जाएंगे।

 

जिस चिदंबरम साहब के घर लौटने का जश्न कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता से लेकर झंडाबदार पार्टी कार्यकर्ता पुष्पहार, तोरणद्वार और फूलों की बौछार के साथ मना रहे हैं आखिर क्या था वो मामला? इसकी बारीकियों को तफ्सील से तारीखों के आFने से आगे समझेंगे पहले 4 लाइनों में आपको समझा देते हैं कि क्या है आइएनएक्स मीडिया मामला।

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मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा ये मामला साल 2007 का है और INX मीडिया कंपनी से जुड़ा है। इसकी डायरेक्टर शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी थे। इस मामले में ये दोनों भी आरोपी हैं। आरोपों के मुताबिक आइएनएक्स मीडिया ने 2006 में 305 करोड़ का विदेशी फंड लेने के लिए वित्त मंत्रालय में आवेदन किया। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने इसे खारिज कर दिया क्योंकि इसमें कई खामियां थीं। आरोप है कि तब के वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कंपनी से कहा कि कार्ति की सेवाएं ली जाए। आरोपों के मुताबिक आइएनएक्स मीडिया ने कार्ति चिदंबरम की सलाह पर फिर से आवेदन दिया। मंत्रालय के अधिकारियों की आपत्तियों के बावजूद इस बार आइएनएक्स को विदेशी चंदे की मंजूरी मिल गई।

 

INX मीडिया मामले को लेकर तारीखों के आइने से समझते हैं कि अब तक क्या हुआ।

 

- 15 मई 2017 को CBI ने विदेशी फंड लेने के लिए INX मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मिली मंजूरी के दौरान हुई अनियमितता को लेकर FIR दर्ज की। 

- 16 जून 2017 को गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस और ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ एक लुक आउट सर्कुलर जारी किया।

- 10 अगस्त, 2017 को मद्रास उच्च न्यायालय ने कार्ति चिदंबरम और चार अन्य के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर पर रोक लगा दी।

- 14 अगस्त, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी करते हुए मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी।

- 22 सितंबर, 2017 को CBI ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कार्ति चिदंबरम को विदेश यात्रा करने से रोका गया था क्योंकि वह सबूत नष्ट करने के लिए कथित तौर पर अपने कई विदेशी बैंक खातों को बंद कर रहे थे।

- 9 अक्टूबर, 2017 को कार्ति चिदंबरम ने अपनी बेटी को एक विश्वविद्यालय में दाखिला दिलाने के लिए ब्रिटेन की यात्रा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी की मांग की।

- 20 नवंबर, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को बेटी के प्रवेश के लिए ब्रिटेन जाने की अनुमति दी।

- 8 दिसंबर, 2017 को कार्ति चिदंबरम ने सीबीआई द्वारा एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में उनके खिलाफ जारी समन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

- 16 फरवरी, 2018 को कार्ति चिदंबरम के सीए एस भास्कररमन को भारत और विदेशों में उनकी संपत्ति का प्रबंधन करने में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

- 28 फरवरी, 2018 को कार्ति चिदंबरम को विदेश से आने के तुरंत बाद CBI ने चेन्नई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया और बाद में उन्हें दिल्ली लाया गया।

- 23 मार्च, 2018 को कार्ति चिदंबरम को 23 दिन जेल में बिताने के बाद जमानत मिली।

- मार्च 2018 में इंद्राणी मुखर्जी ने CBI को दिए बयान में बताया था कि INX मीडिया को FIPB से मंजूरी दिलाने के लिए उनके और कार्ति चिदंबरम के बीच 10 लाख अमेरिकी डॉलर की एक डील हुई थी। इसके बाद जुलाई 2019 में दिल्ली हाईकोर्ट ने शीना वोरा हत्याकांड की मुख्य दोषी इंद्राणी को INX केस मामले में मुख्य गवाह बनाने की सहमति दे दी थी।

- 20 अगस्त, 2019 को दिल्ली हाईकोर्ट ने पी चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी।

- 21 अगस्त को पी चिंदबरम को गिरफ्तार किया गया। 

- पूछताछ के बाद उन्हें 6 सितंबर को तिहाड़ जेल भेज दिया गया था।

- कांग्रेस के लिए चिदंबरम कितने कीमती हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि तिहाड़ में उनसे मिलने वालों की सूची में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से लेकर कांग्रेस की अध्यक्ष और महासचिव तक शामिल थे। 23 सितंबर 2019 को मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी के साथ तिहाड़ पहुंच कर चिदंबरम से मुलाकात करती हैं। इस मुलाकात में पी चिंदबरम के बेटे और शिवगंगा से सांसद कार्ति चिदंबरम भी साथ थे। 

- 25 नवंबर 2019 तिरुवंतपुरम से सांसद शशि थरूर, मनीष तिवारी के साथ चिदंबरम से मिलने पहुंते हैं। 27 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट में जमानत पर सुनवाई से पहले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मिलने पहुंचतें हैं।

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जिसके बाद 106 दिन जेल में गुजारने के बाद चिदंबरम को 4 दिसंबर 2019 को जमानत मिल गई। चिदंबरम जेल से बाहर आ गए हैं और कांग्रेस जिसको लेकर पूरे उत्साह में है। अब जरा बाकी का सच भी आपको बता दें जो न कांग्रस वाले समझ पा रहे हैं और न व्यक्त कर पा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को जमानत तो दे दी है लेकिन इतने किंतु-परंतु के साथ कि चिदंबरम खुद भी समझ नहीं पाएंगे की वो दिल्ली में हैं या कश्मीर में। 

 

अब आपको वो 5 सुप्रीम शर्तों के बारे में भी बता देते हैं जिसके बाद चिदंबरम को जमानत मिली है।

 

- चिदंबरम अपने केस को लेकर न तो कोई इंटरव्यू और न कोई बयान दे सकते हैं।

- बिना कोर्ट से पूछे अपनी मर्जी से विदेश भी नहीं जा सकते हैं।

- ईडी जब भी पूछताछ के लिए बुलाएगी हाजिर होना पड़ेगा।

- गवाहों से न बात करेंगे न उन्हें प्रभावित करने की कोशिश करेंगे।

- सबूतों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ बिल्कुल नहीं करेंगे। 

 

अब ये मत पूछिएगा की चिदंबरम कर क्या क्या सकते हैं चलिए ये भी हम आपको बता ही देते हैं।

 

जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद चिदंबरम ने अर्थव्यस्था को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और सरकार को दिशाहीनता का टैग भी दे दिया वहीं पीएम की चुप्पी और वित्त मंत्री के प्याज वाले बयान पर भी सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया। वित्त मंत्री और पूर्व वित्त मंत्री के बीच प्याज और पानी को लेकर एक नया युद्ध छिड़ गया। जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद चिदंबरम ने अर्थव्यस्था को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और सरकार को दिशाहीनता का टैग भी दे दिया वहीं पीएम की चुप्पी और वित्त मंत्री के प्याज वाले बयान पर भी सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया। वित्त मंत्री और पूर्व वित्त मंत्री के बीच प्याज और पानी को लेकर एक नया युद्ध छिड़ गया। 

 

बहरहाल, चिदंबरम सुप्रीम कोर्ट की कुछ शर्तों के साथ बेल पर बाहर हैं और लगातार सरकार को घेरने की कोशिश भी कर रहे हैं, जिस पर कांग्रेस फूली नहीं समा रही है। जैसे अर्थव्यवस्था और आर्थिक मंदी, मंहगाई के विपक्ष की आवाज को कांग्रेस के जाबांज की वापसी ने नया आयाम दे दिया हो। 

 

- अभिनय आकाश

 

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