By अभिनय आकाश | Dec 27, 2022
एक वक्त था जब चंदा कोचर का नाम देश की सबसे पावरफुल बैंकरों में शुमार किया जाता था। वहीं भारत को पहला कलर टेलीविजन पेश करने वाली वीडियोकॉन की कभी व्हाइट गुड्स मार्केट में तूती बोलती थी। लेकिन वर्तमान में वीडियोकॉन के चेयरमैन और आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एम़डी के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। कैश फॉर लोन घोटाले में सीबीआई की ओर से आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर को गिरफ्तार किया गया। वहीं वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का शिकंजा कस गया है।
क्या है पूरा मामला
बजाज स्कूटर की डीलरशिप रखने वाले परिवार से ताल्लुक रखने वाले वेणुगोपाल धूत ने कुछ दशकों में ही इलेक्ट्रॉनिक्स उपभोक्ता उत्पादों की श्रेणी में अपनी कंपनी वीडियोकॉन को घर-घर तक पहुंचा दिया था। लेकिन पिछले कुछ साल उनके लिए अच्छे नहीं रहे और वह लगातार आर्थिक मुश्किलों में घिरते चले गए। इस बीच आईसीआईसीआई बैंक से लिए गए कर्ज में शीर्ष स्तर पर हुई गड़बड़ियों के उजागर होने से उनकी स्थिति और बिगड़ी। इसी मामले में अब उन्हें केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई वेणुगोपाल धूत ने अपना सफर छोटे कस्बे के एक कारोबारी के रूप में शुरू किया था।
अदालत ने सीबीआई की हिरासत में भेजा
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत ने ऋण धोखाधड़ी मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर तथा वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को 28 दिसंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया। कोचर दंपति को जांच एजेंसी ने संक्षिप्त पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। तीनों को विशेष अदालत के न्यायाधीश ए एस सैयद के समक्ष पेश किया गया। सीबीआई की तरफ से पेश विशेष लोक अभियोजक ए लिमोसिन ने सभी आरोपियों का आमना-सामना कराने के लिए तीन दिन की हिरासत का अनुरोध किया।