केंद्र सरकार अपने अधीनस्थ विभागों में आपको कारोबार (बिजनेस) करने का मौका देने जा रही है। इसलिए अब छोटे मोटे स्तर पर अपना काम-धंधा और उसका व्यापार करने वालों को ग्राहकों के लिए कहीं पर टकटकी लगाने की जरूरत नहीं होगी। बल्कि अब वह दिन दूर नहीं जब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, जो सिर्फ बड़े-बड़े बिजनेसमैन के लिए उपयोगी प्लेटफॉर्म माने जाते थे, सरकार की एक सकारात्मक पहल से आमलोगों के लिए भी सहजता पूर्वक उपलब्ध होंगे।
वस्तुतः ई-कॉमर्स का कारोबार दुनियाभर में दिन दूना रात चौगुनी गति से बढ़ रहा है। इसलिए सरकार ने भी गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस, जिसका संक्षिप्त नाम जीईएम (जेम) है, नामक पोर्टल बनवाया है, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जेम के साथ जुड़कर बिजनेस कर सकता है। कई अर्थों में यह सर्वसुलभ और सस्ता है। इसलिए आमलोग या कारोबारी इसमें खास दिलचस्पी ले रहे हैं।
गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस एक ऑनलाइन मार्केट है, जिससे कोई भी व्यक्ति सरकार के साथ बिजनेस कर सकता है। अमूमन केंद्र सरकार ने सभी सरकारी विभागों को गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) से जोड़ा हुआ है। जिसके जरिए सरकारी विभाग अपने उपयोग के लिए वस्तुओं और सेवाओं को ई-पोर्टल जेम के जरिए खरीदते हैं, यानि सभी तरह की खरीदारी और उसका भुगतान ऑनलाइन होती है।
इसलिए हम आपको बता रहे हैं कि आखिर कैसे आप भी इस पोर्टल से जुड़कर सरकार के साथ बिजनेस कर सकते हैं-
# क्या है गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस "जीईएम-जेम"?
ई-पोर्टल जीईएम या गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस एक ऑनलाइन बाजार है, जिससे कोई भी व्यक्ति घर बैठे जुड़ सकता है और सरकार के साथ बिजनेस कर सकता है। रजिस्ट्रेशन के बाद सरकारी विभागों की डिमांड के हिसाब से सप्लाई करते हैं, जैसा किसी भी बाजार में होता है। ऐसा करने के लिए पहले मैन्युफैक्चरर्स से संपर्क करना होता है और फिर डिमांड आने पर वहां से सामान सप्लाई किया जाता है। कोई भी व्यक्ति जो सही उत्पादन कर रहा है और सरकारी की ओर से निर्धारित स्टैंडर्ड का सामान बना रहा है, वह जीईएम पोर्टल पर अपना माल बेच सकता है।
# जानिए जेम पोर्टल पर कौन व्यक्ति कर सकता है बिक्री?
अब आप यह सोच रहे होंगे कि आखिर इसमें बिक्री कौन कर सकता है? तो यह जान लीजिए कि कोई भी सेलर्स जो टैक्सेबल और सर्टिफाइड प्रोडक्ट बेच रहा है, वह अपना प्रोडक्ट बेच सकता है। मान लीजिये आप कोई सामान बेच रहे हैं तो जीईएम (जेम) पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवाएंगे, फिर अगर भारत सरकार का कोई डिपार्टमेंट उस सामान को खरीदने के लिए टेंडर निकालता है तो आपको इसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके बाद आप भी इस टेंडर के लिए बोली लगा सकते हैं।
# जेम पोर्टल पर ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन
जीईएम पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सबसे पहले जेम की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर यूजर आईडी और पासवर्ड बनाना होगा। यूजर आईडी बनाने के लिए आपको अपना आधार या पैन कार्ड, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी को दर्ज करना होगा। यूजर आईडी बनाने के बाद जीईएम पर लॉगिन करके अपने प्रोफाइल पर ऑफिस का पता, बैंक अकाउंट, अनुभव आदि डिटेल दर्ज करें।
इसके बाद डैशबोर्ड के कैटलॉग ऑप्शन में जाकर प्रोडक्ट या सर्विस चुनें, जिन्हें आप बेचना चाहते हैं। वहीं, रजिस्ट्रेशन करने के लिए दूसरी जानकारी आधिकारिक वेबसाइट www.gem.gov.in पर जाकर ले सकते हैं।
# जेम पोर्टल पर पंजीकरण के लिए चाहिए ये सब दस्तावेज
बता दें कि जेम पर रजिस्ट्रेशन के लिए आपके पास पैन कार्ड, उद्योग आधार या एमसीए 21 रजिस्ट्रेशन, वैट/टीन नंबर, बैंक अकाउंट और केवाईसी डॉक्यूमेंट जैसे पहचान पत्र, आवास प्रमाण और कैंसिल चेक होना चाहिए। वहीं, रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद सरकार की किसी भी खरीद के टेंडर की जानकारी सेलर्स को एसएमएस और ई-मेल के जरिए दी जाएगी। इससे आप सरकारी कंपनियों में भी अपनी सर्विस दे सकते हैं।
# 35 लाख हैंडलूम वर्कर और 27 लाख हैंडीक्राफ्ट कारीगरों को बाजार देना लक्ष्य
सरकार के इस पहल के अंतर्गत लगभग 35 लाख हैंडलूम वर्कर और 27 लाख हैंडीक्राफ्ट कारीगरों को बाजार उपलब्ध कराना है ताकि वे आसानी से अपना माल बेच सकें। ई पोर्टल के जरिये बिजनेस में बिचौलियों का काम खत्म करने की तैयारी है। इससे आत्मनिर्भर भारत की दिशा को भी तेजी मिलेगी। जीईएम पोर्टल पर 30 अगस्त 2021 तक 28,300 कारीगरों और 1,49,422 बुनकरों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।
बता दें कि सरकार ने देश के बुनकरों और कारीगरों को ई-कॉमर्स के जरिये बाजार उपलब्ध कराने का फैसला लिया है, जिसके लिए वह सभी को जीईएम प्लेटफॉर्म या गवर्मेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म से जोड़ने जा रही है। इससे आप खुलकर सरकार के साथ कारोबार कर पाएंगे। इस ई-कॉमर्स पोर्टल से आपकी मोटी कमाई होगी। क्योंकि आपको घर बैठे ही खरीदार मिलेंगे।
खास बात यह है कि केंद्र सरकार का यह अभियान विभिन्न राज्यों में भी काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसके तहत बुनकर और कारीगर अपने उत्पादों को सीधे सरकारी विभागों को बेच रहे हैं। इससे कारीगरों, बुनकरों, सूक्ष्म उद्यमियों, महिलाओं, आदिवासी उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों आदि विक्रेता समूहों की भागीदारी बढ़ रही है, जिन्हें अब तक सरकारी बाजारों तक पहुंचने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता था। इसके लिए सरकार ने अपने सभी विभागों को जीईएम यानी कि गवर्मेंट ई-मार्केटप्लेस से जोड़ा हुआ है जहां छोटे बिजनेसमैन भी अपना सामान उचित कीमत पर बेच पा रहे हैं। क्योंकि इसके लिए बोली लगती है और सबसे कम बोली लगाने वालों को यहां विक्रय मौका दिया जाता है।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार