By अभिनय आकाश | Dec 07, 2020
देशी की राजनीति में जब भी इटली का जिक्र आता है तो उसे किसी खास राजनीतिक पार्टी या घराने से जोड़ कर देखा जाता है। भारत पर 50 वर्षों से भी ज्यादा समय तक शाषण करने वाली कांग्रेस पार्टी और उसके इटली कनेक्शन ने 90 के दशक में बोफोर्स घोटाले में खूब सुर्खियां बटोरी थी। जिसके तीन बाद 2015 में इटली कोर्ट के एक फैसले के बाद फिर से वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले ने सुर्खियां बटोरी। लेकिन अब हालिया राजीव सक्सेना के बड़े खुलासे और ईडी की याचिका खारिज करने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक के बाद मूक पड़े इस कनेक्शन को फिर से जीवित कर दिया और इटली के मिलान कोर्ट से होते हुए देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेताओं के ऊपर लगते तमाम आरोपों के रास्ते आज ये तमाम राजनीतिक गलियारों में चर्चा का सबब बना है। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में आरोपी राजीव सक्सेना ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। इस खुलासे के बाद कांग्रेस की मुसीबत बढ़ने वाली है। दरअसल, आरोपी राजीव सक्सेना ने ईडी की पूछताछ के दौरान दिए गए अपने बयान में कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी, उनके बेटे बकुल नाथ, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद और अहमद पटेल का नाम लिया है। वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में कारोबारी राजीव सक्सेना का सरकारी गवाह का दर्जा खत्म करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका खारिज कर दी गई थी। ऐसे में जानते हैं कि क्या है ये पूरा मामला और कैसा है वो हेलीकॉप्टर, जिसे खरीदा जाने वाला था।
8 दिसंबर 2015 देश की सबसे ताकतवर हस्तियों में शुमार कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी को यह कहते हुए सुना गया था की वह किसी से नहीं डरती, जब उन्हें दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में एक आरोपी के रूप में पेश होना था मामला था नेशनल हेराल्ड अखबार के नाम पर रुपए की धांधली। लेकिन कुछ ही महीने बाद एक बार फिर देश की सत्ता की चाभी को अपने उंगलियों पर नचाने वाली सोनिया को दूसरी बार मैं किसी से नहीं डरती बोलते हुए सुना गया और इत्तेफाकन इस बार भी यह मसला भ्रष्टाचार और धांधली से जुड़ा था। मामला था अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील में हुए रिश्वतखोरी का, जिसने देश की राजनीति में भूकंप ला दिया।
देश में पचास साल तक राज करने वाली कांग्रेस पार्टी की साख पर सवाल उठने की वजह बना था इटली की मिलान हाई कोर्ट उस वक्त में आया 225 पृष्ठों का वह फैसला जिसमें हेलिकॉप्टर सौदे में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की बात कही गयी व इसमें भारतीय वायुसेना के पूर्व चीफ एसपी त्यागी के परिजन के शामिल होने के साथ-साथ सोनिया, मनमोहन और कुछ अन्य कांग्रेसी नेताओं का भी जिक्र आया है, लेकिन इसमें यह नहीं बताया गया है सौदे में इनकी क्या भूमिका थी। इटली की अदालत ने अपने फैसले में उल्लेख करते हुए कहा था कि साल 2010 में साईन हुए अगस्ता वेस्टलैंड डील के 3565 करोड़ के इस कांट्रैक्ट में भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी गई है। इसके अलावा फिनमैकानिका के दो बड़े अधिकारियों ओरसी और ब्रूनो को अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी पाते हुए चार साल की सज़ा सुनाते हुए दोनों पर जुर्माना भी लगाया गया। इतालवी अदालत के फैसले में कांग्रेसी नेताओं के जिक्र को भाजपा नेताओं ने जोर शोर से उठाया तो सोनिया गांधी पार्टी के सामान्य प्रवक्ता की तरह पत्रकारों को खुद ही सफाई देती नज़र आई। ऐसा अक्सर कहा जाता है कि सफाई की जरुरत वहीं होती है जहां कुछ गंदगी हो। पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने अगस्ता वेस्टलैंड को अपने कार्यकाल के दौरान ही ब्लैक लिस्ट करने का दावा भी किया था पर उनके इस बयान के बाद ही तत्परता दिखाते हुए तत्तकालीन रक्षा मंत्री मनोहन पर्रिकर ने दस्तावेज़ दिखाने की चुनौती दे डाली थी।
इटली और इससे संबंधित घोटाले का कनेक्शन नब्बे के दशक में भी राजनितिक गलियारों में चर्चा का सबब बना था जिसकी तपिश इतनी थी की सोनिया गांधी के पति व पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी सरकार को सत्ता से बाहर होना पड़ा था। जब स्वीडन की रेडियो से बोफ़ोर्स कंपनी द्वारा 1437 करोड़ का सौदा हासिल करने के लिए भारत के राजनेताओं और सैन्य अधिकारियों को रिश्वत देने की बात कही गयी थी। जिसके बाद भारत में राजनीतिक भूचाल आ गया था। बोफोर्स और उसके इटली कनेक्शन की वजह से 1989 में राजीव गांधी की सरकार परवान चढ़ गयी थी। दुनिया के 10 सर्वश्रेष्ठ हेलीकॉप्टरों में शामिल अगस्ता वेस्टलैंड जिसमें 25-30 लोगों के बैठने की व्यवस्था के साथ-साथ जरुरत पड़ने पर एंटी शिप व एंटी सर्फेस मिसाइल भी लगाये जाने जैसी अन्य कई सुविधा से लैस इस चापर को यूं तो वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा के लिए लिया जाना था पर इस डील की रिश्वतकांड ने वीआईपी राजनेताओं समेत अधिकारियों को असहज जरुर महसूस करा दिया।
क्या हैं इस हेलीकॉप्टर की खूबियां
- सबसे बड़ा केबिन 2.49 मीटर चौड़ा, 1.83 मीटर ऊंचा (8.3 फ़ीट चौड़ा, 6.1 फ़ीट ऊंचा)
- अधिकतम वज़न 15,600 किलो
- क्षमता: दो पायलट, 30 यात्री
- 03 ताक़तवर इंजन
- 03 स्वतंत्र हाइड्रॉलिक सिस्टम
- हवा में ईंधन भरने की क्षमता
- अधिकतम रफ़्तार 278 किलोमीटर प्रति घंटा
-दोनों तरफ़ मशीनगनें फ़िट करने और बॉडी को बुलेटप्रूफ़ बनाने की सुविधा
राजीव सक्सेना के खुलासे
अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के मुख्य आरोपी और चार्टर्ड अकाउंटेंट राजीव सक्सेना ने प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ के दौरान कांग्रेस नेता कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी, उनके पुत्र नकुल नाथ और कांग्रेस के दिग्गज नेता सलमान खुर्शीद व दिवंगत अहमद पटेल का नाम लिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास राजीव सक्सेना का बयान 1000 पन्नों में दर्ज है।साल 2019 में राजवी सक्सेना को दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था और उसके बाद ईडी ने अपनी पूछताछ की। बता दें कि इस मामले में राजीव सक्सेना की 385 करोड़ की संपत्ति अटैच कर दी गई थी। सक्सेना से पूछताछ के दौरान ही घोटाले के अन्य आरोपी, डिफेंस डीलर सुषेन गुप्ता और रतुल पुरी के वित्तीय लेन-देन पर फोकस किया गया।
बीजेपी ने साधा निशाना
देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, डिफेंस डील कांग्रेस पार्टी का नाम आना ही है, ये लोग देश की सुरक्षा के साथ ऐसे ही खिलवाड़ करते रहे। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लेकर प्रसाद ने कहा कि वे बताएं कि उनका इसपर क्या कहना है। रविशंकर प्रसाद के मुताबिक कि राजीव सक्सेना ने जो बयान दिया है उसमे उन्होंने कहा कि रतुल पुरी ने उनसे बोला था कि, “आप हमारे पिता जी और ताऊ जी के बारे में न कुछ बताइएगा और कोई डॉक्यूमेंट दीजिएगा।”रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हथियार सौदागर संजय भंडारी के साथ देश की बड़े राजनीतिक दलों के रसूखदार लोगों के रिश्तों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “संजय भंडारी कौन है, इनके संबंध किससे हैं यह भी पता होना चाहिए, इसके संबंधों की खोज करिए, ये भागे हुए हैं, सरकारी की एजेंसी इनकी खोज कर रही है। इनका पिछली सरकार के बड़े बड़े परिवार के बड़े बड़े लोगों से क्या संबंध है इसकी भी परख होनी चाहिए।”
ईडी की याचिका खारिज करने के हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम रोक
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी जिसमें अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआइपी हेलीकाप्टर घोटाले में आरोपित कारोबारी राजीव सक्सेना का सरकारी गवाह का दर्जा रद करने संबंधी प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका खारिज कर दी गई थी। ईडी की ओर से पेश एडिशनल सालिसिटर जनरल अमन लेखी ने शीर्ष अदालत से कहा कि हाई कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर गलती की है क्योंकि उसका कहना था कि गवाह के तौर पर पेश होने के बाद ही माफी को रद किया जा सकता है। स पर पीठ ने कहा, 'सीआरपीसी में प्रावधान है कि अगर वह कोई साक्ष्य देने में विफल रहता है तो माफी वापस ली जा सकती है।' ईडी का हाई कोर्ट में कहना था कि सक्सेना ने अपराध से जुड़े सभी तथ्यों को उजागर करने का वादा किया था, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहा है।- अभिनय आकाश