By अंकित सिंह | Jul 17, 2024
महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल और एनसीपी-एससीपी प्रमुख शरद पवार की मुलाकात के बाद अटकलों का दौर लगातार जारी है। इस सब के बीच शरद पवार ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। शरद पवार ने कहा कि उन्होंने बारामती में कुछ अच्छे भाषण दिये थे और मेरे बारे में कुछ कहा था। फिर वो मुझसे मिलने आये। उन्होंने कहा कि मेरी तबीयत ठीक नहीं थी... मैं उठा और उनसे मिला। उन्होंने मुझे महाराष्ट्र के हित के लिए बातें बताईं और चाहते थे कि मैं चर्चा के लिए आऊं। उन्होंने मुझे एक बैठक के बारे में बताया जिसमें मैं शामिल नहीं हुआ। वह बैठक सीएम ने बुलाई थी, वह आरक्षण के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक थी।
पवार ने आगे कहा कि जब मुख्यमंत्री अनशन कर रहे थे तब मनोज जारांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण पर उनसे बात की। मुझे उन बातचीत के बारे में जानकारी नहीं थी। जारांगे पाटिल और राज्य सरकार के लोग बातचीत कर रहे हैं। लेकिन हमें नहीं पता कि वे क्या चर्चा कर रहे हैं। तो, जब तक मुझे उनकी बातचीत के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं मिल जाती, हम कैसे रुख अपना सकते हैं? शरद पवार ने यह भी बताया कि भुजबल ने मुझसे कहा कि कुछ कदम उठाएं अन्यथा महाराष्ट्र में कुछ समस्याएं होंगी...लेकिन मुझे लगता है कि समन्वय बनाना सरकार की जिम्मेदारी है।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि सभी फैसले हमें किनारे रखकर सरकार द्वारा लिए जाते हैं। अब वे हमें चाहते हैं शांति बनाने के लिए हस्तक्षेप करने के लिए...मैंने भुजबल से कहा कि सरकार ने जो भी प्रतिबद्धता जताई है, उसे हमें भी स्पष्ट किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो हम मदद कर सकते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि राज्य में शांति की जरूरत है। वहीं, प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर विवाद पर पवार ने कहा कि इस देश में तीन राज्य अपने अच्छे प्रशासन के लिए बहुत मशहूर थे- गुजरात, बिहार और तमिलनाडु...पहले हम भी अच्छे थे। प्रशासन के साथ हमारी अच्छी बातचीत हुई। लेकिन आजकल ये डायलॉग गायब है। इन दिनों दिशा ही दिशा नजर आ रही है।