Common Services Centres और AstroTurf के बारे में क्या जानते हैं आप, संसद में हुआ जिक्र

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By अंकित सिंह | Mar 27, 2025

Common Services Centres और AstroTurf के बारे में क्या जानते हैं आप, संसद में हुआ जिक्र

संसद का बजट सत्र चल रहा है। इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हो रही है। सांसद अलग-अलग मुद्दों पर अपनी मांग भी उठा रहे हैं। इसी कड़ी में आज सदन में दो ऐसे मामले उठे, इसके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। आज हम आपको जिन दो मुद्दों पर आसान भाषा में बतलाने जा रहे हैं, वह कॉमन सर्विस सेंटर और एस्ट्रो टर्फ। तो चलिए आखिर जानते हैं कि यह दोनों क्या है?

 

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कैसे हुआ जिक्र

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र ने देशभर में जन शिकायतों के निवारण के लिए अपने ऑनलाइन पोर्टल को देशभर में साझा सर्विस सेंटर (सीएससी) के साथ जोड़ा है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अपनी शिकायतें दर्ज कराने में मदद मिल सके। पंजाब के संगरूर से आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने राज्य के खिलाड़ियों का मुद्दा लोकसभा में उठाते हुए सरकार से जालंधर जिले में ‘एस्ट्रो टर्फ’ बनाने की मांग की ताकि देश को फिर से इस क्षेत्र से अच्छे पदक विजेता खिलाड़ी मिल सकें। 


साझा सर्विस सेंटर (सीएससी)

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत सीएससी योजना के कार्यान्वयन की देखरेख के लिए कॉमन सर्विस सेंटर की स्थापना की गई है। कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) योजना सीएससी के माध्यम से नागरिकों को सेवाएं प्रदान करने के लिए एक केंद्रीकृत सहयोगी ढांचा प्रदान करती है, साथ ही योजना की प्रणालीगत व्यवहार्यता और स्थिरता सुनिश्चित करती है। अगर हम आपको आसान भाषा में समझाने की कोशिश करें तो कॉमन सर्विस सेंटर भारत सरकार द्वारा ऐसे स्थानों की स्थापना है जहां नागरिकों के उपयोग के लिए स्वतंत्र रूप से कंप्यूटर उपलब्ध हो। इसका इस्तेमाल ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा है। 


यह केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को डिजिटल सरकारी संसाधनों और व्यावसायिक सेवाओं तक पहुंच प्रदान करते हैं। इन सेंटर्स का इस्तेमाल कर एक नागरिक सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकता है। सरकार से जुड़े विभिन्न योजनाओं के लिए इन कॉमन सर्विस सेंटर पर डॉक्यूमेंटेशन का भी काम होता है। यह कम पढ़े-लिखे और ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों के लिए बड़ी पहल है। हालांकि, अभी भी इसकी संख्या बेहद कम है। अगर कॉमन सर्विस सेंटर की संख्या में वृद्धि की जाए तो यह ग्रामीण क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो सकता है।


 

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एस्ट्रो टर्फ

एस्ट्रो टर्फ हॉकी के एस्ट्रो टर्फ के मैदान हैं जिन पर वर्तमान में यह खेल खेला जाता है। हालांकि, अब इसका इस्तेमाल विभिन्न खेलों के मैदान के लिए भी होता है। 1966 में ह्यूस्टन के एस्ट्रोडोम में खेल जगत के सामने एक भव्य मंच पर पेश किए जाने के बाद से एस्ट्रो टर्फ ने एक लंबा सफर तय किया है। इन दिनों, नरम प्लास्टिक की घास की सतह अक्सर असली चीज़ की तरह दिखती और महसूस होती है। गुणवत्ता इतनी उन्नत हो गई है कि पेशेवर और कॉलेज फ़ुटबॉल टीमों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कई स्टेडियमों ने इसे बेहतर विकल्प माना है। सरकार का दावा है कि पास में जालंधर कैंट में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के केंद्र में मोदी सरकार ने साढ़े सात करोड़ रुपये खर्च करके एस्ट्रो टर्फ बनाया है। हालांकि, इसे देश के अलग-अलग हिस्सों में बनाने की आवश्यकता है। 

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