By अभिनय आकाश | Apr 20, 2024
18वीं लोकसभा के चुनाव के लिए व्यापक कवायद 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर चुनाव के साथ शुरू हो गई। पहले चरण के दौरान लगभग 60.03% लोगों ने मतदान किया। मणिपुर और बंगाल से छिटपुट हिंसा की खबरें आईं। तमिलनाडु उन दुर्लभ राज्यों में से एक है जहां एक ही दिन में चुनाव हुआ। तमिलनाडु में 67.2 प्रतिशत वोटिंग हुई। ये संख्या 2019 में 72.4 प्रतिशत से कम है। बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ता कूच बिहार में भिड़ गए और एक दूसरे पर हिंसा, मतदाताओं को डराने और चुनाव एजेंटों पर हमला करने का आरोप लगाया। पुलिस ने किसी भी तरह की हिंसा होने से इनकार किया है। मणिपुर में बिष्णुपुर के एक मतदान केंद्र पर गोलीबारी की सूचना मिली। इंफाल पूर्वी जिले में एक मतदान केंद्र में तोड़फोड़ की गई। चुनाव देश में हो रहे हैं लेकिन विदेशी मीडिया भी भारत में हो रहे चुनाव पर नजर बना रखी है। अलग अलग देशों के अखबारों ने पहले चरण के मतदान लर क्या छापा है एक नजर उसपर डालते हैं।
पहले चरण के प्रत्याशियों को जानिए
1625 में से 251 उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं बीजेपी के 28, कांग्रेस के 19, DMK और AIADMK के 13-13 और BSP के 11 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं 450 उम्मीदवार करोड़पति हैं। सबसे ज्यादा 202 प्रत्याशी तमिलनाडु से हैं। जो करोड़पति हैं। सबसे अमीर कैंडिडेट नुकलनाथ हैं। छिंदवाड़ा से कांग्रेस प्रत्याशी हैं. 717 करोड़ की संपत्ति है।
द गार्डियन ने लिखा
'नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी को भरोसा है कि इन चुनावों में उसका प्रदर्शन पहले से और बेहतर होने जा रहा है। BJP पर आरोप लग रहे हैं कि इसके 10 साल पहले सत्ता में आने के बाद से देश में लोकतंत्र कमजोर हुआ है। लेकिन चुनावी विश्लेषक कह रहे हैं कि दशकों बाद भारत में ऐसा चुनाव हो रहा है, जिसके परिणामों का अंदाजा सबको है। अनुमान है कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार सत्ता हासिल करने जा रहे हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा
बीजेपी इस चुनाव में अपने हिंदू राष्ट्रवादी एजेंडे के साथ चुनाव में उतरी है और साथ ही साथ वो अपनी कल्याणकारी योजनाओं का जोर शोर से प्रचार कर रही है। बीजेपी के समर्थक उससे काफी खुश हैं, वहीं जो लोग अब भी दुविधा में हैं उन्हें भी बीजेपी की चुनावी रणनीति आकर्षित कर रही है। लगातार दो बार सत्ता में रहने के बाद भी मोदी लोकप्रिय बने हुए हैं। जो लोग आर्थिक तंगी, बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रहे हैं वो भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा जता रहे हैं।
वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा
आमतौर यह ट्रेंड होता है कि महिलाएं और युवा कम रूढ़िवादी होते हैं, लेकिन भारत में इस बार आम चुनावों में ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है। व्यापक बेरोजगारी और आर्थिक परेशानियों के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी ने इस तरह का माहौल बनाया है कि महिलाएं और युवा उनकी पार्टी को वोट करते हुए दिख रहे।