By अभिनय आकाश | Mar 28, 2024
चीन का पाकिस्तान से नाराज होना और पाकिस्तान सरकार का डर दोनों जायज है। पिछले कुछ वर्षों में बार-बार चीन के नागरिकों को आतंकियों ने निशाना बनाया। कई चीनी नागरिकों की जान भी गई। लेकिन इस तरह के हमलों को रोकने में पाकिस्तान हमेशा नाकाम रहा है। पाकिस्तान काफी हद तक चीन पर निर्भर है। ऐसे में चीन ये बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा कि मदद के बदले में उसे अपनी नागरिकों की जान गंवानी पड़े। ताजा आतंकी हमले में अपने पांच नागरिकों की जान जाने से चीन गुस्से में है। चीन की तरफ से कहा गया है कि पाकिस्तान इस आत्मघाती हमले की जांच करे और दोषियों को सख्त से सख्ता सजा दे।
चीनी इंजीनियरों की गाड़ी पर हमले के बाद शहबाज शरीफ इस कदर घबरा गए कि हमले के कुछ ही घंटे के बाद अपनी पूरी कैबिनेट के साथ चीनी दूतावास पहुंच गए। पाकिस्तान चीन के साथ अपनी दोस्ती को हिमालय से ऊंचा और समुद्र से गहरा बताता है। लेकिन डर की वजह से प्रधानमंत्री प्रोटोकॉल तोड़ते हुए खुद ही चीन के राजदूत से मिलने चले जाते हैं। शहबाज शरीफ की इतनी हिम्मत भी नहीं हुई कि वो चीनी राजदूत से आंखे मिलाकर बात कर पाए। पूरे वक्त वो डरे सहमे नजर आए। वहीं ऐसी अटकलें लग रही हैं कि बीजिंग इस्लामाबाद पर सीपीईसी परियोजनाओं की सुरक्षा के लिए अपनी सुरक्षा एजेंसियों को तैनात करने के लिए दबाव डाल सकता है।
पाकिस्तान सरकार भले ही चीन के साथ दोस्ती निभा रही हो। लेकिन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और इसके जैसे दूसरे संगठनों को चीनी नागरिक देश में मंजूर नहीं हैं। इसलिए पिछले करीब पांच वर्षों से बार-बार चीनी नागरिकों पर हमले की घटनाएं सामने आई है। चीनी नागरिकों पर हमले करने में सबसे आगे बीएलए है। साल 2021 में भी एक बड़ा हमला हुआ था। पाकिस्तान के आतंकी हमले में 9 चीनी इंजीनियर मारे गए थे। जब चीनी इंजीनियर से भरी बस पर अटैक हुआ था। हमले में नौ चीनी इंजीनियर समेत 12 की मौत हुई।