भारतीय कुश्ती संघ एक बार फिर से चर्चा में आ गया है क्योंकि रविवार की सुबह केंद्रीय खेल मंत्रालय ने महासंघ को रद्द कर दिया है। खेल मंत्रालय ने महासंघ से जुड़े सभी अधिकारियों को निलंबित कर दिया जिसमें नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह का नाम भी शामिल है। खेल मंत्रालय की ओर से रविवार को यह बड़ा फैसला लिया गया। इस फैसले के बाद कुश्ती से संन्यास ले चुकी साक्षी मलिक और महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने भी अपने-अपने बयान दिए। हालांकि इस पूरे मामले में एक नया मोड़ तब आया जब इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन ने एक बड़ा फैसला किया है।
इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन ने यह ऐलान किया है कि एक नई एड हॉक समिति का निर्माण किया जाएगा जो की 48 घंटे में स्थापित होगी। WFI मैं होने वाले हर काम और गतिविधि पर नजर रखना इस कमेटी की जिम्मेदारी होगी। इसके बाद कमेटी को रिपोर्ट तैयार कर इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
इस कारण रद्द की गई महासंघ
खेल मंत्रालय ने रविवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया क्योंकि नवनिर्वाचित संस्था ने उचित प्रकिया का पालन नहीं किया और पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की ‘जल्दबाजी में घोषणा’ की थी। बता दें कि डब्ल्यूएफआई के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे जिसमें बृजभूषण के विश्वासपात्र संजय सिंह और उनके पैनल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। चुनाव से पहले डब्ल्यूएफआई का कामकाज आईओए द्वारा गठित तदर्थ संस्था देख रही थी। भूपेंदर सिंह बाजवा भारतीय वुशु महासंघ के अध्यक्ष पद के अलावा इस तदर्थ संस्था के प्रमुख थे।