नयी दिल्ली। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार राज्य के प्रवासियों को घर लौटने के लिए सुविधाएं नहीं दे रही है और उसने केवल सात ‘विशेष श्रमिक’ ट्रेनों की अनुमति दी है जबकि उत्तर प्रदेश ने ऐसी 400 ट्रेनों के लिए मंजूरी दी है। रेलवे ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिये लागू लॉकडाउन के कारण देशभर में फंसेप्रवासी कामगारों को ट्रेनों से उनके गंतव्यों तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद एक मई से विशेष श्रमिक ट्रेनों की शुरुआत की है।
गोयल ने ट्वीट किया कि पश्चिम बंगाल सरकार से और अधिक विशेष श्रमिक ट्रेनों के लिए मंजूरी देने की उनकी अपील पर कोई जवाब नहीं आया है। गोयल ने कहा, ‘‘कल मेरे बयान के बाद पश्चिम बंगाल सरकार अपनी गहरी नींद से जागी। सरकार ने अभी तक प्रवासी मजदूरों के लिए केवल सात ट्रेनों की मंजूरी दी है। पश्चिम बंगाल के मजदूर उनके घरों से दूर हैं, इसलिए मैंने उन्हें लौटने देने के लिए और ट्रेनों की मंजूरी देने की अपील की थी।’’ उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को रोजाना 105 ट्रेनें संचालित करने की जरूरत है लेकिन इस तरह की अपुष्ट खबरें हैं कि अगले 30 दिन के लिए उन्होंने केवल 105 ट्रेनों की सूची तैयार की है। गोयल ने कहा, ‘‘यह पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों के साथ क्रूरतापूर्ण मजाक है कि वहां की सरकार उन्हें घर पहुंचने की सुविधा नहीं दे रही।’’
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केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा था कि अभी तक उत्तर प्रदेश ने मजदूरों को ले जाने के लिए 386 ट्रेनों की मंजूरी दी है, जबकि बिहार और मध्य प्रदेश ने क्रमश: 204 और 67 ट्रेनों के लिए स्वीकृति दी है। वहीं, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल ने केवल सात-सात ट्रेनों के लिए मंजूरी दी है। रेल मंत्री ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल सरकार ने अभी तक आठ ट्रेनों के लिए मंजूरी नहीं दी है जिसकी उसने पिछले सप्ताह घोषणा की थी।’’ गोयल ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश ने 15 दिन से कम समय में 400 ट्रेनों को मंजूरी दी है और अपने प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी कराई है। इस तरह की सक्रियता दिखाने के बजाय पश्चिम बंगाल सरकार मजदूरों को मदद मिलने से रोक रही है।’’ गोयल ने पश्चिम बंगाल सरकार से श्रमिकों के हितों के बारे में सोचने का आग्रह किया।