By अनन्या मिश्रा | Jul 31, 2023
ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का अलग-अलग प्रभाव बताया गया है। लेकिन किसी ज्योतिष से कुंडली दिखवाने के बाद ही रत्न धारण करना चाहिए। क्योंकि रत्नों का संबंध कुंडली के ग्रहों से होता है। हर व्यक्ति को अलग-अलग रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में अगर आप भी किसी परेशानी से परेशान हैं, तो ज्योतिष से विश्लेषण करवाने के बाद ही रत्न धारण करें। अगर आप बिना विश्लेषण के रत्न धारण करते हैं तो इसका उल्टा प्रभाव भी देखने को मिल सकता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस रत्न को धारण करने के क्या परिणाम मिलते हैं।
माणिक्य रत्न
अगर कुंडली में सूर्य की स्थिति खराब होती है तो दांपत्य जीवन और संतान संबंधी दुख झेलने पड़ सकते हैं। इस तरह के अशुभ फलों से निजात पाने के लिए व्यक्ति को माणिक्य रत्न धारण करना चाहिए। अगर आपकी कुंडली में सूर्य अपनी राशि से सप्तम भाव, अष्टम एकादश, द्वितीयेश, नवमेश या कर्मेश होकर छठे या आठवें भाव में हो, इसके अलावा द्वादश भाव में हो तो व्यक्ति के लिए माणिक्य रत्न पहनना उत्तम होता है।
दालचीनी पत्थर
दालचीनी पत्थर को हेसोनाइट गार्नेट के नाम से जाना जाता है। इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति को व्यवसाय में सफलता मिलती है। अगर आप इस रत्न को धारण करते हैं, तो आपको मानसिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
पन्ना रत्न
पन्ना रत्न का संबंध बुध ग्रह से माना जाता है। बुध को बुद्धि और शिक्षा का ग्रह माना जाता है। इसलिए पन्ना रत्न को धारण करने से व्यक्ति के सीखने की क्षमता में वृद्धि होने के साथ ही बुद्धि भी बढ़ती है। इसको धारण करने से नौकरी में सफलता मिलती है।
मूंगा रत्न
मूंगा रत्न का संबंध मंगल ग्रह से होता है। इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति के अंदर साहस का संचार होता है। मूंगा धारण करने से भौतिक सुखों में वृद्धि होती है। यह रत्न नौकरी और कारोबार से संबंधित जातकों के लिए फायदेमंद होता है। इसे धारण करने से व्यक्ति को सफलता मिलती है।
सोडालाइट रत्न
सोडालाइट रत्न को बुद्धि, ज्ञान, संचार और साहस से संबंधित माना जाता है। इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। यह रत्न मन को व्यवस्थित करने में फायदेमंद होता है। सोडालाइट रत्न तर्कसंगत विचार और निष्पक्षता की धारणा को बढ़ाने का काम करता है।