By अनुराग गुप्ता | Aug 13, 2022
शिमला। हिमाचल प्रदेश में धर्मांतरण-रोधी कानून पास हो गया है। इस कानून में सामूहिक धर्मांतरण कराए जाने को रोकने के सख्त प्रावधान हैं। इसी संबंध में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का बयान सामने आया। जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि हम सभी धर्मा का सम्मान करते हैं और आने वाले दिनों में इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे।
आने वाले दिनों में होंगे अच्छे परिणाम
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। अगर कोई खुद से धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो उसके अलग-अलग तरीके हैं, लेकिन यह गलत है अगर उन्हें धोखा देकर ऐसा किया जा रहा है। हमने महसूस किया कि कानून को और सख्त बनाने की जरूरत है। मुझे लगता है कि आने वाले दिनों में परिणाम अच्छे होंगे।
हिमाचल विधानसभा ने मौजूदा धर्मांतरण-रोधी कानून में संशोधन वाले एक विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया। इस विधेयक के कड़े प्रावधानों के अंतर्गत धर्मांतरण करने वाले व्यक्ति को माता-पिता के धर्म या जाति से संबंधित कोई भी लाभ लेने पर रोक रहेगी। इसके अलावा इसमें अधिकतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। विधेयक में सामूहिक धर्मांतरण का उल्लेख है, जिसे एक ही समय में दो या दो से अधिक लोगों के धर्म परिवर्तन करने के रूप में वर्णित किया गया है।
कांग्रेस ने जताई आपत्ति
संशोधन विधेयक में हिमाचल प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2019 के प्रावधानों को और सख्त किया गया है, जो बमुश्किल 18 महीने पहले लागू हुआ था। कुछ प्रावधानों पर आपत्ति दर्ज करते हुए कांग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू और माकपा विधायक राकेश सिंह ने मांग की कि विधेयक को विचार-विमर्श के लिए स्थायी समिति के पास भेजा जाए। हालांकि विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। ऐसे में राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा