By अनुराग गुप्ता | Aug 26, 2022
नयी दिल्ली। एक के बाद एक नेता ग्रैंड ओल्ड पार्टी 'कांग्रेस' को अलविदा कह रहे हैं। कांग्रेस युवा विहीन होने के साथ-साथ अनुभवहीन भी होती जा रही है। इस बात की चर्चा राजनीतिक गलियारों पर जोरो-शोरो से हो रही है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि गुलाम नबी आजाद ने सक्रिय राजनीति से भी दूरियां बना ली हो। दरअसल, गुलाम नबी आजाद भले ही कांग्रेस के आजाद हो गए हों लेकिन उनके भीतर अभी भी राजनीति बाकी है। ऐसे में उन्होंने अपनी पार्टी बनाने का और जम्मू-कश्मीर वापस जाने का ऐलान किया है।
गुलाम नबी आजाद ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की अटकलों पर विराम लगा दिया और यह स्पष्ट किया कि वो जम्मू कश्मीर लौटेंगे और अपनी पार्टी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि मेरे विरोधी पिछले 3 साल से कह रहे हैं कि मैं भाजपा में जा रहा हूं और तो और मुझे राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति भी बनवा दिया। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जी-23 नेताओं में शामिल आनंद शर्मा का बयान सामने आया। जिसमें उन्होंने गुलाम नबी आजाद के आहत होने की बात कही।
आहत हुए होंगे आजाद
गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस को अलविदा कहने पर आनंद शर्मा की प्रतिक्रिया सामने आई। उन्होंने कहा कि ज़ाहिर है कि वे बहुत आहत हुए होंगे। इस स्थिति को आने से बचाया जा सकता था और यह बात समय-समय पर बताई भी गई। हम निरंतर कमज़ोर होते जा रहे हैं। हमारा यही लक्ष्य रहा है कि राय मशवरा करके उसको हम सुधार सकें। जबकि गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सदमे में हैं। उन्होंने कहा कि जो टिप्पणियां की गई हैं वो उचित नहीं है। मैं खुद सदमे में हूं कि एक 42 साल का व्यक्ति जिसे जिंदगी में सब कुछ मिला हो वो आज ऐसे संदेश दे रहें जो मेरे समझ के परे हैं।