By अंकित सिंह | Mar 17, 2021
उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कुरान शरीफ की 26 आयतों को हटाने के लिये उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इन आयतों से आतंकवाद फैलता है और इन्हें पढ़ाकर आतंकवादी तैयार किये जा रहे। इसके बाद से वह विवादों में है। अपने इस मांग के बाद से वह अलग-थलग पड़ गए हैं। रिजवी के परिवार ने भी फिलहाल इस मसले के बाद से उनका साथ छोड़ दिया है। वसीम रिजवी के खिलाफ मुस्लिम संगठनों में विरोध के स्वर तेज हो रहे हैं। उलेमाओं, संगठनों, समाज और अब तो राजनीतिक दलों ने भी वसीम रिजवी के इस मांग पर अपनी असहमति जताई है। वसीम रिजवी फिलहाल तन्हाइयों में अपना गुजारा कर रहे हैं। उनके साथ सुरक्षा में लगे पुलिस के जवान ही है। रिजवी को वाई कैटेगरी की सिक्योरिटी मिली हुई है। इसमें समाज और परिवार का साथ छोड़ दिए जाने के बाद रिजवी को इन्हीं पुलिसकर्मियों का सहारा है।
रिजवी ने एक वीडियो भी जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि उनके परिवार, भाई और रिश्तेदारों ने भी उनका साथ छोड़ दिया है। लेकिन वीडियो में रिजवी निडर नजर आ रहे थे। रिजवी ने साफ तौर पर कहा कि मुझे परवाह नहीं, मैं सही रास्ते पर हूं और अपनी आखिरी सांस तक जंग लडूंगा। उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा कि मैं आत्महत्या कर लूंगा लेकिन हार नहीं मानूंगा। वसीम रिजवी लंबे समय तक उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने मायावती, अखिलेश यादव और योगी सरकार के कार्यकाल में इस शिया वक्फ बोर्ड बोर्ड की जिम्मेदारी निभाई है। खुद को शिया मुसलमान बताने वाले रिजवी एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता रेलवे के कर्मचारी थे लेकिन जब रिजवी जब छठी क्लास में पढ़ रहे थे तभी उनके पिता का इंतकाल हो गया। इसके बाद परिवार की जिम्मेदारी रिजवी पर आ गई। रिजवी अपने भाई बहनों में सबसे बड़े थे। परिवार की जिम्मेदारी होने के कारण पढ़ाई पूरी करने के बाद रिजवी विदेश चले गए। सऊदी अरब में उन्हें एक होटल में काम करने करना पड़ा। जबकि जापान में उन्होंने कारखाने में काम किया।
रिजवी के सामाजिक संबंध अच्छे रहे हैं। इसी कारण उन्होंने नगर निगम का चुनाव लड़ने का भी फैसला किया। यहीं से राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई। रिजवी ने अपनी राजनीति को चमकाने के लिए मुस्लिम विरोध का भी सहारा लिया। सत्ता परिवर्तन के साथ ही वह भाजपा के भी करीबी हो गए। इससे पहले भी वह कई दफा अपने वक्तव्य के कारण विवादों में घिरे हैं। रिजवी ने राम जन्म भूमि की भी खूब पैरवी की है।
आपको रिजवी के कुछ विवादित बयान बताते हैं:-
भाजपा ने कुरान की आयतों पर रिजवी की एससी याचिका की निंदा करती है- शाहनवाज
उत्तरप्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के कुरान की कुछ आयतों को हटाने के लिए उच्चतम न्यायालय का रूख करने के बाद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा उनकी पार्टी दृढ़ता से उन लोगों के खिलाफ है जो किसी भी धार्मिक ग्रंथ का अपमान करते हैं। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि रिजवी को इस तरह के कृत्य में लिप्त होकर देश का माहौल खराब नहीं करना चाहिए। हुसैन ने कहा, ‘‘मैं वसीम रिज़वी की उक्त याचिका की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। यह मेरी पार्टी का रूख है कि कुरान सहित किसी भी धार्मिक ग्रंथ के बारे में बेतुकी बातें कहना एक अत्यंत निंदनीय कार्य है।’’ उन्हेांने कहा कि भाजपा उन लोगों के खिलाफ है जो किसी भी धार्मिक ग्रंथ का अपमान करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा कुरान या किसी भी धार्मिक ग्रंथों के किसी भी बदलाव के पक्ष में नहीं है। भाजपा नेता ने कहा कि उनकी पार्टी रिजवी के विचारों को स्वीकार नहीं करती है क्योंकि यह लोगों की भावनाओं को आहत करता है और उन्हें लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई अधिकार नहीं है।
वसीम रिजवी माफी मांगें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई का निर्देश देंगे:अल्पसंख्यक आयोग
अल्पसंख्यक आयोग ने वसीम रिजवी की कुरान शरीफ से 26 आयतें हटवाने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि रिजवी 21 दिनों के भीतर माफी मांगें और अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई का निर्देश दिया जाएगा। आयोग ने रिजवी को भेजे एक नोटिस में कहा कि मीडिया में आई उनकी टिप्पणियां देश में सांप्रदायिक सद्भाव के माहौल को खराब करने की ‘सोची-समझी साजिश’ मालूम पड़ती हैं। उसने कहा कि यह हमारे राष्ट्रीय हित और भाईचारे के भी खिलाफ है तथा इस तरह के कृत्य के लिए दंडात्मक कार्रवाई का कानूनी प्रावधान है। अल्पसंख्यक आयोग ने कहा कि आयोग पवित्र कुरान की कुछ आयतों को हटाने के संदर्भ में दिए गए आपके बयान को खारिज करता है और इसकी निंदा करता है। उसने यह भी कहा कि रिजवी 21 दिनों के भीतर माफी मांगें और अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई का निर्देश दिया जाएगा। हैं।
कुरान में बदलाव के लिये याचिका दाखिल करने वाले वसीम रिजवी के खिलाफ प्रदर्शन : गिरफ्तारी और सख्त सजा की मांग
वसीम रिजवी द्वारा कुरान शरीफ से 26 आयतें हटवाने के इरादे से उच्चतम न्यायालय में अर्जी दाखिल किये जाने के विरोध में लखनऊ स्थित बड़े इमामबाड़े में प्रदर्शन किया गया। शिया धर्म गुरु और ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना कल्बे जव्वाद की अगुवाई में बड़ी संख्या में लोगों ने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी का विरोध किया। इसमें अनेक महत्वपूर्ण शिया एवं सुन्नी ओलमा और विद्वानों ने भाग लिया। ओलमा ने रिज़वी को इस्लाम और कुरान का दुश्मन और आतंकवादी करार देते हुए उनके सामाजिक बहिष्कार की घोषणा की। रैली को संबोधित करते हुए मौलाना सैयद सलमान हसनी नदवी ने मुस्लिम एकता पर ज़ोर देते हुए वसीम रिज़वी के बयान की निंदा की और उन्हें काफिर और मुजरिम करार दिया। मौलाना जव्वाद ने संवाददाताओं से कहा कि वसीम रिजवी ऐसे लोगों की जमात में शामिल हैं जो अपने वजूद तक को झुठलाते हैं और अपने ही मजहब से गद्दारी करते हैं। वह कौम के खिलाफ गम्भीर हरकतें पहले भी करते आये हैं लेकिन इस बार उन्होंने कुरान शरीफ पर उंगली उठाकर सारी हदें पार कर दी हैं।
वसीम रिजवी पर भड़के मुस्लिम संगठन, दर्ज कराई प्राथमिकी
उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के खिलाफ दो संगठनों - अंजुमन खुद्दामे ए रसूल तथा इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) -ने पुलिस को अलग-अलग तहरीर देकर संयुक्त प्राथमिकी दर्ज करायी है। ये दोनों संगठन दरगाह आला हजरत से जुड़े हैं। अंजुमन खुद्दामे रसूल के सचिव शान अहमद की ओर से रिजवी के खिलाफ कोतवाली में दी गयी तहरीर में उनके बयान को इस्लाम और संविधान के खिलाफ बताया गया है। आईएमसी ने भी रिजवी के खिलाफ तहरीर दी है जिसके बाद पुलिस ने संयुक्त रूप से प्राथमिकी दर्ज की है। बरेली के पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह साजवान ने बताया कि रिजवी के खिलाफ कोतवाली में मामला दर्ज किया गया है। इस बीच रजा एक्शन कमेटी की ओर से उलेमाओं ने चेतावनी दी है कि यदि रिजवी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई नहीं की गई तो वे सड़कों पर उतरेंगे।