By अभिनय आकाश | Nov 17, 2022
स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को भ्रामक और गलत कहा है, जिसमें दावा किया गया है कि राजनीतिक दबाव के कारण भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन संबंधि मंजूरी को लेकर जल्दबाजी की बात कही गई थी। केंद्र ने इन आरोपों का खंडन किया कि भारत बायोटेक को भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित एंटी-कोविड वैक्सीन कोवाक्सिन के निर्माण के लिए दी गई मंजूरी में अनियमितताएं थीं। ये मीडिया रिपोर्ट पूरी तरह से भ्रामक, भ्रामक और गलत जानकारी देने वाली हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि भारत सरकार और राष्ट्रीय नियामक यानी सीडीएससीओ ने आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए कोविड-19 टीकों को मंजूरी देने में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और निर्धारित मानदंडों का पालन किया है।
सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि सीडीएससीओ की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की पिछले साल 1-2 जनवरी को बैठक हुई थी और विचार-विमर्श के बाद, इसने भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन के प्रतिबंधित आपातकालीन अनुमोदन के प्रस्ताव के संबंध में सिफारिशें की थीं। जनवरी 2021 में कोवाक्सिन को प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदित किए जाने से पहले, विषय विशेषज्ञ समिति ने टीके की सुरक्षा और प्रतिरक्षण क्षमता पर डेटा की समीक्षा की और चिकित्सीय परीक्षण मोड में प्रचुर सावधानी के रूप में जनहित में आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग की अनुमति देने की सिफारिश की।
गौरतलब है कि इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि वैक्सीन के लिए किए गए क्लिनिक ट्रायल के तीन चरणों में कई अनियमितताएं थीं। वहीं इन आरोपों पर भारत बायोटेक ने कहा कि कुछ चुनिंदा व्यक्तियों और ग्रुप ने कोवैक्सीन के खिलाफ कही गई बातों की हम निंदा करते हैं।