By अभिनय आकाश | Jun 03, 2021
दुनियाभर में पिछले डेढ़ साल से कोरोना वायरस ने कोहराम मचाया हुआ है। करोड़ों लोग इसकी चपेट में आए, जबकि लाखों लोगों की जान चली गई। वहीं चीन पर कोरोना वायरस को प्रयोगशाला में बनाने के आरोप लग रहे हैं। इसी बीच महामारी विशेषज्ञ और राष्ट्रपति जो बाइडेन के शीर्ष स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. एंथनी फाउची और माइक्रोसॉफ्ट के मालिक बिल गेट्स के ऊपर बड़ा आरोप लगा है। अमेरिकी समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट के हाथ लगे डॉ. फाउची के ईमेल के जरिये आरोप लगाए गए हैं कि दोनों ने वुहान लैब को पैसे दिए हैं। वाशिंगटन पोस्ट ने डॉ.फाउची के 866 पन्नों वाला ईमेल चैट को हासिल किया। इसमें जानकारी मिली है कि अमेरिकी महामारी विशेषज्ञ और चीनी वैज्ञानिकों के बीच लगातार बातचीत हो रही थी।
क्या डॉ. फाउची का वुहान लैब की फंडिंग में हाथ था?
आरोप है कि एनआईएच ने इको हेल्थ एलायंस को वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में रिसर्च के लिए फंडिग की थी। रिसर्च का काम था नेचर से निकलने वाले ऐसे-ऐसे वायरस के बारे में पता लगाना जो लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। पहली बार एनआईएच से ऐसी रिसर्च की फंडिंग साल 2014 में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में शुरू हुई। पीटर डचैक ने दिसंबर 2019 में दिए इंटरव्यू में कहा था कि हम कई सालों से सार्स वायरस पर रिसर्च कर रहे हैं। पीटर डचैक ने बताया था कि सार्स वायरस में प्रोटीन को मैन्युपुलेट करके देख रहे हैं कि वो कैसे इंसानों को इंपैक्ट कर सकता है और उसकी वैक्सीन क्या हो सकती है। पिछले साल अगस्त में वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि एनआईएच ने ईको हेल्थ एलायंस की फंडिंग सस्पेंड कर दी। एनआईएछ ने कहा था कि जब तक ईको हेल्थ एलायंस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की आउटसाइड एजेंसी से इंस्पेक्शन नहीं कराता।
पिछले साल मई में 77 नोबल प्राइज विनर और 31 साइंटिफिक सोसायटी ने एनआईएच को खत लिखकर ईको हेल्थ एलायंस की रद्द की गई फंडिंग को फिर से रिव्यू करने की मांग की थी। ऐसे में आरोप लग रहे हैं कि इन चिट्ठियों के पीछे भी पीटर डचैक का हाथ है।