मृतक मजदूर दीपक सिंह की पत्नी चंद्रवती का कहना है कि मृत्यु प्रमाण पत्र ना होने की वजह से उन्हें विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है। सभी सरकारी कामों में मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है, मेरे पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर दिया जाए। मृतक मजदूर राज बहार की पत्नी सुनीता सिंह भी मृत्यु प्रमाण पत्र ना होने के कारण विधवा पेंशन नहीं मिल पाने की बात कहती है। मृतक मजदूर बृजेश की पत्नी पार्वती सिंह का कहना है कि मृत्यु प्रमाण पत्र ना होने के कारण बैंक के काम नहीं हो पा रहे हैं और ना ही विधवा पेंशन उसे मिल पा रही है। रेल दुर्घटना में अपने दोनों बेटों बृजेश एवं शिवदयाल को खोने वाले गजराज सिंह ने बताया कि बैंक वाले कहते हैं कि मृत्यु प्रमाण पत्र लाओ तभी काम होगा, एसडीएम के पास जाते हैं तो कहते हैं कि बनेगा लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र आज तक नहीं बना। सभी मजदूरों के परिजनों की मृत्यु प्रमाण पत्र ना होने के कारण एक से ही समस्या है। बैंक के काम इंश्योरेंस के काम एवं जमीन ट्रांसफर होने के कारण सब रुके हुए हैं। इस संबंध में शहडोल जिले के डिप्टी कलेक्टर दिलीप पांडे से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि मृत्यु प्रमाण पत्र वहीं से जारी होते हैं जहां किसी की मृत्यु होती है। इन सभी मजदूरों की मौत औरंगाबाद जिले में हुई थी वहां के प्रशासन को पत्र लिखा गया है। शहडोल कलेक्टर द्वारा औरंगाबाद कलेक्टर से मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए चर्चा भी की गई है दोबारा फिर से मित्र प्रमाण पत्र के लिए औरंगाबाद कलेक्टर को पत्र भेजा गया है।