भोपाल। मध्य प्रदेश में गिद्धों की संख्या का आंकलन करने के लिये प्रदेशव्यापी गिद्ध गणना का आयोजन आगामी 07 फरवरी 2021 को होगा। वन विभाग द्वारा राज्य के चिन्हित स्थलों पर गिद्धो की गणना की जायेगी।
वनमंडलाधिकारी ने बताया कि गिद्ध एक जमाने में भारत में बहुतायत में पाये जाते थे, जो अब विलुप्ति की कगार पर हैं। इसका प्रमुख कारण पशुओं को दी जाने वाली दर्द, बुखार एवं सूजन निवारक दवाई डाइ-क्लोफेनेक हैं और यदि किसी पशु की इस दवाई से उपचार किये जाने के 72 घंटे के अंदर मौत हो जाये, तो उसके शव में इस दवाई के अंश बाकी रह जाते हैं और जब ऐसे शवों को गिद्ध खाते हैं, तो ये दवाई उनके शरीर में प्रवेश कर जाती हैं। यह डाइक्लोफेनेक गिद्धों के गुर्दो को नाकाम बना देती हैं, जिससे गिद्ध की मृत्यु हो जाती हैं। यह प्रसन्नता का विषय है कि शासन द्वारा डाइ-क्लोफेनेक दवा के उपयोग पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद से क्षेत्र में गिद्धो की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।