Mansoor Ali Khan Pataudi Birth Anniversary: मंसूर अली खान पटौदी ने क्रिकेट मैदान पर जमाई थी अपनी धाक, कमजोरी को बनाई थी ताकत

FacebookTwitterWhatsapp

By अनन्या मिश्रा | Jan 05, 2025

Mansoor Ali Khan Pataudi Birth Anniversary: मंसूर अली खान पटौदी ने क्रिकेट मैदान पर जमाई थी अपनी धाक, कमजोरी को बनाई थी ताकत

वैसे तो भारत में पिता-पुत्र क्रिकेटरों की कई जोड़ियां हिट रहीं, जिन्होंने देश के लिए खेला। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पिता-पुत्र की जोड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनमें से एक भारत का बेहतरीन कप्तान बना, तो दूसरा इंग्लैंड के लिए खेला था। दरअसल, हम बात कर रहे हैं मंसूर अली खान पटौदी की। आज ही के दिन यानी की 05 जनवरी को 'टाइगर' यानी की मंसूर अली खान का जन्म हुआ था। उन्होंने अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बना ली थी। फैंस उनको टाइगर पटौदी कहा करते थे। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर मंसूर अली खान के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...


जन्म और परिवार

भोपाल में 05 जनवरी 1941 को मंसूर अली खान पटौदी का जन्म हुआ था। इनके पिता इफ्तिखार अली खान एक जाने-माने क्रिकेटर थे। मंसूर अली खान की शिक्षा अलीगढ़ के मिंटो सर्कल में हुई। फिर आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने हर्टफोर्डशायर के लॉकर्स पार्क प्रेप स्कूल और विंचेस्टर स्कूल का रुख किया। वहीं इनके पिता की दिल्ली में पोलो खेलने के दौरान मौत हो गई।


क्रिकेट करियर

बता दें कि महज 16 साल की उम्र में मंसूर अली खान से फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सुसेक्स के लिए डेब्यू किया था। वह ऑक्सफोर्ड के लिए खेलने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी थे। लेकिन 01 जुलाई 1962 में कार एक्सीडेंट के दौरान कांच का एक टुकड़ा उनकी आंख में लग गया और टाइगर की दायीं आंख हमेशा के लिए खराब हो गई। इस एक्सीडेंट के बाद उनके क्रिकेट करियर पर खतरा मंडराने लगा। क्योंकि उनको दो इमेज दिखाई देती थीं। लेकिन वह जल्द ही नेट प्रैक्टिस पर वापस आए और एक आंख के साथ उन्होंने बेहतरीन खेल शुरू किया।

इसे भी पढ़ें: Jaswant Singh Birth Anniversary: पूर्व PM वाजपेई के 'हनुमान' कहे जाते थे जसवंत सिंह, जानिए कैसा रहा सियासी सफर

कमजोरी को बनाई अपनी ताकत

मंसूर अली खान ने आंख खराब होने के 6 महीने के कम समय में टेस्ट करियर में शुरूआत की। वह दिल्ली में इंग्लैंड के खिलाफ खेले और वह अपनी राइट आंख को कैप के नीचे छिपाकर खेलते थे। चेन्नई में तीसरे टेस्ट मैच में उन्होंने 103 रन खेले। मंसूर अली खान पटौदी के इन्हीं रनों के कारण भारत इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली सीरीज जीतने में कामयाब हुई थी।


सबसे कम उम्र के कप्तान

साल 1962 में टाइगर पटौदी को वेस्टेंडीज टूर के लि वॉइस कैप्टन बनाया गया। तो वहीं साल 1962 में वह भारतीय टीम के कप्तान बने। वह 21 साल 77 दिन में भारतीय टीम के कप्तान बने थे। फिर कई सालों तक भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के तौर पर उनका नाम रिकॉर्ड रहा। साल 2015 तक मंसूर अली खान पटौदी भारत के सबसे कम उम्र के कप्तान और दुनिया के दूसरे नंबर पर सबसे कम उम्र के कप्तान बनें।

प्रमुख खबरें

विकसित कृषि संकल्प अभियान कार्यक्रम को PM Modi ने किया संबोधित, किसान और विज्ञान के संगम पर जोर

Kerala Rain: केरल में मूसलाधार बारिश से व्यापक नुकसान, आईएमडी ने आठ जिलों में जारी किया ‘रेड अलर्ट’

पुतिन ने मजाक बनाया, मस्क ने हाथ छुड़ाया, कोर्ट ने टैरिफ प्लान अटकाया, भारत को धमकाने के 15 दिनों बाद बर्बाद हुए ट्रंप

Singapore Open 2025: सात्विक और चिराग सिंगापुर ओपन के क्वार्टर फाइनल में, सिंधू और प्रणय बाहर