By अनन्या मिश्रा | Oct 18, 2023
राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपनी-अपनी रणनीति तैयार कर ली है। जहां एक ओर कांग्रेस फिर से सरकार रिपीट करने की बात कर रही है, तो वहीं बीजेपी भी कांग्रेस को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने की बात कहती दिखाई दे रही है। हांलाकि अंतिम फैसला जनता का होगा कि वह राज्य में किसकी सरकार बनने में सहायता करेंगे। लेकिन हाल-फिलहाल राज्य का राजनीतिक पारा गरमाया हुआ है
कांग्रेस बना रही बड़ी रणनीति
बता दें कि राज्य में बीजेपी को घेरने के लिए और अपनी सरकार की तरफ जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए कांग्रेस ने एक बार फिर ERCP का मुद्दा उठाया है। बीजेपी को घेरने के लिए कांग्रेस इस मुद्दे पर अपनी रणनीति तैयार कर रही है। वहीं कांग्रेस नेता सीएम गहलोत कांग्रेस पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों से जुड़ी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को लेकर यात्रा निकालेंगे। इस यात्रा में गोविंद सिंह डोटासरा, सचिन पायलट सहित तमाम बड़े नेता शामिल होंगे। राज्य में 23 नवंबर को वोटिंग होनी है और 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस दौरान सूबे का मुखिया चुनने के लिए राज्य की 5.25 करोड़ जनता मतदान करेगी।
लोकसभा चुनाव के लिए अहम हैं ये जीत
राजस्थान विधानसभा चुनाव ना सिर्फ कांग्रेस बल्कि बीजेपी के लिए भी काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि इस विधानसभा चुनाव में मिली जीत हार से लोकसभा चुनाव 2024 के बारे में अंदाजा लग जाएगा। इस लिहाज से पार्टी ने राजस्थान में सत्ता बचाए रखने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं कांग्रेस और गहलोत एक दूसरे के पर्याय रहे हैं। राज्य में पार्टी सीएम गहलोत के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है।
पिछले विधानसभा में कांग्रेस बनी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी
साल 2018 में राज्य की 200 विधानसभा सीटों की 199 सीटों के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस बतौर विपक्षी पार्टी चुनावी मैदान में उतरी थी। वहीं 39.8 फीसदी वोट शेयर के साथ 99 सीटें जीतकर कांग्रेस राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। हांलाकि सौ के जादुई आंकड़े को छूने में कांग्रेस सिर्फ 1 सीट के अंतर से पीछे थी। ऐसे में कांग्रेस राज्य में एक बार फिर पिछले विधानसभा वाला जादू चलाना चाहती है। ऐसे में अगर राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार रिपीट होती है, तो हर बार सत्ता परिवर्तन के तानेबाने को भी वह तोड़ने में कामयाब रहेगी। हांलाकि पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सामने सत्ता बचाए रखने की जद्दोजहद थी, तो वहीं इस बार कांग्रेस के सामने वही स्थिति है। ऐसे में सीएम गहलोत को जनता का कितना विश्वास मिलता है, यह तो समय ही बताएगा।