हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन मामले में उनके और कई अन्य के खिलाफ चल रही जांच के संबंध में पूछताछ के लिए तलब किया है। प्रवर्तन निदेशालय की यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब सीबीआई मुख्यमंत्री, उनकी पत्नी और अन्य के खिलाफ कथित तौर पर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक 10 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति को एकत्र करने के मामले में आरोप पत्र दायर कर रही है।
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने ताजा समन जारी किया है क्योंकि वह धनशोधन निवारण रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज करना चाहती है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री को जांच अधिकारी (आईओ) के सामने 13 अप्रैल से पहले बयान दर्ज कराने के लिए आने को कहा है। एजेंसी ने सिंह को पहले भी तलब किया था लेकिन उन्होंने आधिकारिक प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए आने में असमर्थता व्यक्त कर दी थी। एजेंसी ने पहले ही उनकी पत्नी प्रतिभा और बेटे विक्रमादित्य से इस मामले में पूछताछ की है। प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों के खिलाफ धनशोधन रोधी कानून के आपराधिक प्रावधान के तहत साल 2015 में सीबीआई की ओर से दायर की गई शिकायत को संज्ञान में लेते हुए मामला दर्ज किया है। कांग्रेस के इस नेता और उनकी पत्नी प्रतिभा के अलावा चुन्नी लाल चौहान, जोगिन्दर सिंह घाल्टा, प्रेम राज, वकामुल्ला चंद्रशेखर, लवण कुमार रोच और राम प्रकाश भाटिया आरोपी हैं।