By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 26, 2020
सैकड़ों लोग अभी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्षी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव सहित शीर्ष नेताओं की रैलियों में शिरकत करते हैं और बिना मास्क पहने रैलियों में स्थान पाने के लिए एक-दूसरे को धक्का देते नजर आते हैं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, लोगों से मास्क नहीं होने के बारे में पूछने पर वे बताते हैं कि मास्क अपने घर पर भूल गए अथवा अपनी जेब में होने और बहुत गर्मी होने की वजह से नहीं पहनने की दलील पेश करते हैं। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजय कुमार सिंह ने कहा कि रैली स्थलों पर तैनात दंडाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे कोविड- 19 मानदंडों को सख्ती से लागू करें, जिसमें मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाए रखना शामिल है। उन्होंने कहा, हम चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर सामाजिक दूरी के मापदंड का उल्लंघन करने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड- 19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन सटीक संख्या साझा करने में असमर्थता व्यक्त की। चुनावी रैलियों को कवर करने वाले ‘पीटीआई—भाषा’ के पत्रकारों ने भी पाया कि नेताओं ने मास्क पहन रखा था और एक-दूसरे से उचित शारीरिक दूरी बनाए रखी थी, लेकिन लोग हेलीकॉप्टरों के रैली मैदान में उतरने परनेताओं के करीब पहुंचने के लिए एक-दूसरे से टकराते दिखे।
भागलपुर की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मंगलवार को सनोखा में तेजस्वी यादव की जनसभा में मंच पर बहुत भीड दिखी। तेजस्वी यादव जिंदाबाद के नारे लगाते हुए उनके एक समर्थक ने कहा, अभी हमें नीतीश कुमार को हराना है। हम बाद में कोरोना को हरा सकते हैं। ऐसा ही कुछ स्थिति भोजपुरी गायक-अभिनेता और उत्तर पूर्वी दिल्ली के भाजपा सांसद मनोज तिवारी की कहलगांव के शारदा स्कूल परिसर की रैली में हुआ था। भाजपा प्रत्याशी पवन कुमार यादव ने बताया कि कई लोगों ने मास्क पहन रखे थे लेकिन सर्किल बना दिए जाने के बावजूद भारी भीड़ के कारण सामाजिक दूरियां बरकरार नहीं रखी जा सकीं। नीतीश कुमार हर दिन 4-5 रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। गोपालगंज जिले के भोरे में नीतीश कुमार की रैली में शामिल एक व्यक्ति ने कहा, कोरोना राज्य को जंगल राज में बदल देने वाले लालू प्रसाद और उनके दल के लोगों पर हमला करेगा। मधेपुरा के बिहारीगंज के एसबीजे हाई स्कूल में एक महागठबंधन रैली में अराजकता दिखी जहां समाजवादी दिग्गज शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं। औरंगाबाद में तेजस्वी यादव की रैली में मास्क नहीं पहनने के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में महागठबंधन के एक समर्थक ने कहा, अगर वे सत्ता में आते हैं तो हमें नौकरी मिलेगी।
क्या हमारे जैसे लोगों के लिए इससे बड़ा कोई मुद्दा हो सकता है जिनके पास नौकरी नहीं है? ऐसे से कुछ उदाहरण सामने आए हैं, जहां कोविड -19 मानदंडों के उल्लंघन के लिए ऐसी रैलियों के आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। गया जिला प्रशासन ने 11 अक्टूबर को भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा की एक रैली के आयोजकों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की, जहां सामाजिक दूरी के मानदंडों का कथित रूप से उल्लंघन किया गया था। अंचल अधिकारी राजीव रंजन की शिकायत पर उक्त प्राथमिकी दर्ज की गई थी। गोपालगंज में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के साला साधु यादव के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वह बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। बिहार में सत्ताधारी राजग में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि उनकी पार्टी रैलियों से पहले लोगों के बीच सैनिटाइजर और मास्क वितरित कर रही थी और साथ ही उनसे सामाजिक दूरी बनाए रखने की अपील कर रही है लेकिन कभी-कभी लोग सब कुछ भूल जाते हैं और मंच पर आने के लिए कुछ धक्का देने और शोर शराबा मचाने की कोशिश करते हैं। बिहार में 25 अक्टूबर तक कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 2.12 लाख से अधिक थे और ठीक होने की दर94.69 प्रतिशत थी।