By एकता | Oct 20, 2024
अमेरिका ने हाल ही में पूर्व भारतीय रॉ अधिकारी विकास यादव पर खालिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था। अब विकास यादव के परिवार ने मामले पर प्रतिक्रिया दी है और साथ ही उन्होंने अमेरिका द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। यादव के परिवार ने कहा है कि अमेरिकी सरकार सच नहीं बोल रही है।
विकास की 65 वर्षीय मां सुदेश यादव ने बताया कि अमेरिकी सरकार के आरोपों और मीडिया द्वारा दिखाई जा रही रिपोर्ट्स से वह सदमे में हैं। उन्होंने कहा, 'मैं क्या कह सकती हूं? मुझे नहीं पता कि अमेरिकी सरकार सच बोल रही है या नहीं। वह देश के लिए काम कर रहा है।'
हरियाणा के प्राणपुरा में रहने वाले यादव के चेहरे भाई अविनाश यादव ने रॉयटर्स को बताया कि विकास ने उससे बात की और कहा कि उसपर लगाए गए सभी आरोप गलत है। उन्होंने आगे कहा, 'परिवार को उसके जासूसी एजेंसी के लिए काम करने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उसने कभी इस बारे में कुछ नहीं बताया।'
अविनाश ने कहा कि हमारे लिए वह अभी भी सीआरपीएफ के लिए काम कर रहा है। उसने हमें बताया कि वह डिप्टी कमांडेंट है और उसे पैराट्रूपर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। यादव के चेहरे भाई ने बताया कि वह कहां रहता है, इसका उन्हें अंदाजा नहीं है। लेकिन वह अपनी पत्नी और बेटी (जिसका पिछले साल जन्म हुआ है) के साथ रहता है, इस बात की जानकारी उन्हें है। यादव के फैमिली बैकग्राउंड की जानकारी देते हुए अविनाश ने कहा, 'यादव के पिता, जिनकी मृत्यु 2007 में हुई थी, 2007 में अपनी मृत्यु तक भारत के सीमा बल में अधिकारी थे, और उनके भाई हरियाणा में पुलिस में काम करते हैं।'
विकास के बारे में बताते हुए उनके अन्य चेहरे भाई अमित यादव ने कहा, 'वह एक शांत लड़का था, जो किताबों और एथलेटिक्स में रुचि रखता था और राष्ट्रीय स्तर का निशानेबाज था।' उन्होंने कहा, 'केवल भारत सरकार और विकास को ही पता है कि क्या हुआ है। हम चाहते हैं कि भारत सरकार हमारा समर्थन करे, उन्हें हमें बताना चाहिए कि क्या हुआ है। अन्यथा हम कहां जाएंगे?'
अमेरिकी न्याय विभाग ने यादव पर पिछले साल सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की असफल साजिश का नेतृत्व करने का आरोप लगाया था। गुरुवार को अभियोग पत्र के अनुसार, यादव भारत की रिसर्च एंड एनालिसिस विंग जासूसी सेवा का अधिकारी था। भारतीय विदेश मंत्रालय पहले ही कह चुका है कि यादव अब सरकारी कर्मचारी नहीं है और वह आरोपों की जांच कर रहा है।