By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 25, 2024
जसप्रीत बुमराह ने सोमवार को कहा कि उन्हें कप्तान और गेंदबाज के रूप में कठिन परिस्थितियों में दबाव झेलने में मजा आता है और इससे टीम के कम अनुभवी खिलाड़ियों का काम काफी आसान हो जाता है। बुमराह ने पर्थ टेस्ट मैच में आठ विकेट लेकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई। वह इस मैच के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज साबित हुए।
भारत ने इस मैच में ऑस्ट्रेलिया को 295 रन से करारी शिकस्त दी। बुमराह ने यहां मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जब परिस्थितियां मुश्किल होती है तो मैं इस बारे में सोचता हूं कि मैं किस तरह से योगदान दे सकता हूं। यह तब भी होता है जब मैं टीम का नेतृत्व नहीं कर रहा होता हूं। ऐसे में जब भी मुश्किल परिस्थिति आती है तो मैं उसका जवाब ढूंढने की कोशिश करता हूं। मैं खुद को मुश्किल परिस्थितियों में रखकर सहज रहता हूं।’’
हर्षित राणा और नीतीश कुमार रेड्डी जैसे युवा खिलाड़ियों में भी बुमराह की इस सोच का प्रभाव दिखा और पदार्पण करने वाले ये इन दोनों युवा ने यहां के ऑप्टस स्टेडियम में अहम मौके पर शानदार योगदान दिये।
बुमराह ने कहा, ‘‘ मैं खुद को उस कठिन परिस्थिति में डालने की कोशिश कर रहा था ताकि नये खिलाडियों का काम आसान हो सके। आप जानते हैं अपने शुरुआती मैचों अधिक जिम्मेदारी लेना बहुत आसान नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं मैच में उनसे दबाव कम करने की कोशिश कर रहा था और मुझे खुशी है कि उनका रवैया सकारात्मक रहा।’’ इस ऐतिहासिक जीत के बावजूद बुमराह एडिलेड टेस्ट में टीम का नेतृत्व नहीं करेंगे क्योंकि नियमित कप्तान रोहित शर्मा ऑस्ट्रेलिया पहुंच गये है। बुमराह से जब कप्तान छोड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने चुटिले अंदाज में कहा, ‘‘मैं उन्हें बताऊंगा कि मैं आसानी से इसे छोड़ने वाला नहीं हूं।’’
इस 30 साल के खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ मैं ने इस मसले पर पहले भी कहा है कि वह (रोहित) शानदार कप्तान है और उनका काम शानदार रहा है। मैं बस उनकी जगह की भरपाई कर रहा था।’’ बुमराह ने कहा, ‘‘ जब वह भारत में थे तो चर्चा हुई थी। हम ने टीम को लेकर काफी बातचीत की है। मैं उसकी हर संभव मदद करने के लिए तैयार हूं।