By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 06, 2021
सूरत। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शुक्रवार को दावा किया कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन संभालने से पहले, विपक्षी कांग्रेस देश में बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार थी। रूपाणी ने मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए पांच साल पूरे होने के अवसर पर नौ दिवसीय कार्यक्रम के तहत आयोजित रोजगार दिवस को संबोधित किया। राज्य भर से करीब 62,000 युवाओं को नौकरी के लिए नियुक्ति प्रमाणपत्र दिये गये। सूरत में जनसमूह को संबोधित कर रहे रूपाणी ने कहा कि 1995 में भाजपा के सत्ता में आने से पहले गुजरात में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों के कार्यकाल के दौरान सरकारी भर्तियों पर प्रतिबंध था।
उन्होंने दावा किया कि पिछले पांच वर्षों में अकेले इस राज्य में ही दो लाख से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘देश में बढ़ती बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस जिम्मेदार थी, क्योंकि उनके पास इसे खत्म करने की कोई नीति या इरादा नहीं था। लोग पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से कहते थे कि अगर उनकी सरकार नौकरी नहीं दे सकती है तो आराम हराम है जैसे नारे लगाना बंद कर दें।’’ उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबी दूर करने और रोजगार प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाए और कौशल विकास की पहल की ताकि लोग नौकरी तलाशने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनें।
रूपाणी ने कहा, ‘‘गुजरात में कांग्रेस के शासनकाल में सरकारी भर्ती पर रोक थी। मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मोदी ने उस प्रतिबंध को हटाया। मेरे नेतृत्व में राज्य सरकार ने पिछले पांच वर्षों में दो लाख से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी दी है। इसके अलावा पिछले पांच वर्षों में आयोजित 2,085 रोजगार मेलों के माध्यम से 17 लाख लोगों को निजी नौकरियों में भर्ती किया गया।’’ उन्होंने दावा किया कि विशेषज्ञ कोविड-19 महामारी में लाखों लोगों की नौकरी जाने का दावा कर रहे हैं, हालांकि गुजरात युवाओं को रोजगार देकर ‘‘आशा की किरण’’ के रूप में उभरा है।